उत्साह और अट नहीं रही हैं प्रश्न उत्तर class 10 -2023

Hellow friends, अगर आप भी class 10th में हो और google पर उत्साह और अट नहीं रही हैं प्रश्न उत्तर ढूंढ रहे हो तो आप बिल्कुल ही सही पोस्ट पर आए हो क्योंकि आज हमने इसी के बारे मे बताया हैं तो चलिए शुरु करते हैंउत्साह और अट नहीं रही हैं

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उत्साह और अट नहीं रही हैं प्रश्न उत्तर class 10 -2023

उत्साह

अभ्यास के प्रश्न

प्रश्न 1. कवि बादल से फुहार, रिमझिम या बरसने के स्थान पर ‘गरजने’ लिए करता हैं क्यों

उत्तर- कवि बादल से फुहार, रिमझिम या बरसने के स्थान पर ‘गरजने’ के लिए कहता है क्योंकि कवि बादलों को विनाश का क्रांति का प्रतीक मानता है कवि बादलों की गर्जना को शक्ति का प्रतीक मानकर मनुष्य में उत्साह और साहस भरना चाहता है।

गर्जना के बाद ही वर्षा होती है। मनुष्य में उत्साह, साहस, मनोबल होगा तभी नवनिर्माण सम्भव है। मनुष्य की कल्पनाएँ ही लक्ष्य प्राप्ति का रास्ता बनती हैं। अतः बादलों का गर्जना कविता में नवीन कल्पनाओं का ही प्रतीक है।

 

प्रश्न 2. कविता का शीर्षक उत्साह क्यों रखा गया ।

उत्तर: कविता का शीर्षक ‘उत्साह’ इसलिए रखा गया है क्योंकि कविता में कवि ने बादलों की गर्जना को ‘उत्साह का प्रतीक माना है। बादलों की गर्जना नवजीवन का प्रतीक है। मनुष्य में उत्साह होना ही उसकी उन्नति का कारण है। जिसमें उत्साह है, उसी में जीवन है वहीं जीवन में कुछ अगल कर पाता हैं।

प्रश्न 3. कविता में बादल किन-किन अर्थों की ओर संकेत करता हैं।

उत्तर- कविता में बादल इच्छाशक्ति, उत्साह, नवजीवन, नवीन कल्पना, विध्वंस, विनाश और क्रान्ति आदि जैसे चेतनाओं की अर्थो की ओर संकेत करता है।

 

प्रश्न 4. शब्दों का ऐसा प्रयोग जिससे कविता में किसी खास भाव या दृश्य में धनात्मक प्रभाव पैदा हो, नाद-सौंदर्य कहलाता है।

उत्ताह कविता में ऐसे कौन-से शब्द हैं जिनमें नाद-सौंदर्य मौजूद है छांटकर लिखें।

उत्तर- प्रस्तुत कविता ‘उत्साह’ में ‘घेर घेर घोर’, ‘ललित, ललित’, ‘विकल, विकल’ ‘उन्मन थे उन्मन आदि जैसे शब्दों में नाद सौन्दर्य मौजूद है। इन शब्दों से कविता में खास प्रकार का भाव उत्पन्न हुआ हैं।

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अट नहीं रही हैं

अभ्यास के प्रश्न

1.) छायावाद की एक खास विशेषता है। अंतर मन के भावों का बाहर की दुनिया से सामंजस्य बिठाना । कविता की किन पंक्तियों को पढ़कर यह धारणा पुष्ट होती है। लिखे

उतर : छायावाद की यह खास विशेषता इन पंक्तियां से प्रकट होती है। आंख हटाता हूं तो हट नहीं रही है। पत्तों से लदी डाल कहीं हरी, कहीं लाल , कही पड़ी हैं उर में मंद – गंध- पुष्प- माल, पाट -पाट शोभाश्री

प्रश्न 2. कवि की आंख फाल्गुन की सुंदरता से क्यों नहीं हट रही है?

उत्तर- कवि की आँख फाल्गुन की सुन्दरता को देखकर हट नहीं रही क्योंकि फाल्गुन सौन्दर्य और उल्लास उसके मन में मादकता उत्पन्न करती है। कवि का तन-मन प्रसन्न हो उठता है इसलिए कवि चाहते हुए भी कवि की आँख फाल्गुन की सुन्दरता से नहीं हटती।

प्रश्न 3. प्रस्तुत कविता में कवि ने प्रकृति की व्यापकता का वर्णन रूपों में किया है?

उत्तर- प्रस्तुत कविता में कवि ने प्रकृति की व्यापकता का वर्णन पक्षियों की लम्बी आकाश की छूने की उड़ान, पत्तों से लदी पेड़ों की डालियों, हरियाली और लालिमा युक्त प्रकृति, फूलों की बिखरी सुगन्ध, हर जगह का आकर्षित सौन्दर्य आदि रूपों में किया है।

कवि ने प्रकृति की व्यापकता का वर्णन किया हैं

प्रश्न 4 फाल्गुन में ऐसा क्या होता हैं जो बाकी ऋतुओं से भिन्न होता हैं।

उत्तर- फाल्गुन के महीना में ऐसा परिर्वतन होता हैं की आप मंत्रमुग्ध हो जाओगे जैसे फाल्गुन की ऋतु अलग ऋतुओं से भिन्न होती है। अंग्रेजी महीना में फाल्गुन फरवरी महीना को कहते हैं

और इस समय में मौसम एकदम सुहावना होता है। ना ही अधिक ठंड पड़ती है और ना ही अधिक गर्मीऔर साथ में यह समय बसन्त ऋतु के आगमन का वक्त भी होता हैं चारों ओर पृथ्वी हरियाली से सम्पन्न अद्भुत शोभा दिखती है।

पकी फसलें सभी का मनमोह लेती हैं। प्राकृतिक सुन्दरता के कारण सभी का मन प्रसन्नचित्त होता है ऐसा सुहावना मौसम वर्ष में फाल्गुन के महीने में ही आता है। अतः यह समय अन्य ऋतुओं से भिन्न है।

न तो गर्मी की चिलचिलाती धूप होती है और न ही सर्दी की सुकड़ने वाली ठंड वर्षा का मौसम भी सुहावना होता है लेकिन फाल्गुन की सुन्दरता उसकी अपेक्षाकृत अधिक मनमोहक एवम् शोभात्री पूर्ण होती है।

 

प्रश्न 5. इन कविताओं के आधार पर निराला के काव्य-शिल्प को विशेषताएं लिखिए।

उत्तर- इन पंक्तियों के आधार पर कवि कहना चाहते हैं की

•हमने शिल्प जगत में नए प्रयोग किए हैं। काव्य में समास प्रधान भाषा का प्रयोग है। कोमलता और कठोरता दोनों का समन्वय भाषा में हुआ है। भावानुकूल शिल्प प्रयोग दृष्टव्य है।

•सुन्दर शब्दों के प्रयोग कविता की लय में सृष्टि करता है

जैसे–विकल विकल, उन्मन थे उन्मन विश्व के निदाय के सकल जन

•भाषा में अलकारों के प्रयोग से निखार आ गया है। कविताओं में अनुप्रास, पुनरुक्ति प्रकाश, उपमा,अलंकार का सुन्दर प्रयोग हुआ है जैसे- घेर घेर पोर गगन, पराधर, विकल विकल, बाल कल्पना के से पाले,क्या ऐसा ही होगा प्यान पाट-पाट आदि।

•कविता का शिल्पना सौन्दर्य उत्पन्न करता है। शब्दों का नवीन प्रयोग कहीं-कहीं अर्थ स्पष्ट करने में दुष्कर है किन्तु शैली की लाक्षणिकता कविताओं की प्रमुख विशेषता रही है।

 

FAQ:

1.)अट नही रही है कविता का उद्देश्य क्या है? उत्तर : इस कविता के माध्यम से कवि फाल्गुन की उन्माद को प्रकट करते है

2.)उत्साह कविता के माध्यम से कवि ने क्या संदेश दिया है?

उत्तर : इस कविता से सूर्यकांत त्रिपाटी निराला जी जीवन मे केवल सकारात्मक चीजो को अपनाने का ज्ञान बाँट रहे है।

3) अट नही रही है का क्या अर्थ है

उत्तर : इसका अर्थ यह है कि वसंत ऋतु कि सुन्दरता इतनी मनमोहक है कि उस पर से नजर हट नही रही है।

(4) उत्साह कविता क्या है

उत्तर – उत्साह, कविता से हमे ज्ञान मिलता है कि जीवन मे केवल सकारत्मक चीजो को अपनाना चाहिए और किसी भी महान कार्य को शुरु करने के लिए हमारे भीतर उत्साह होनी चाहिए।

5.) अट नहीं रही है कविता में कौन सा गुण है उत्तर: इस कविता मे प्रसाद गुण है

(6) उत्साह कविता मे निदान का क्या अर्थ है? उत्तर: निदान का अर्थ जंगल की आग का प्रतीक है।

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