तो hellow, दोस्तों आज के इस नये ध्वनि पाठ के प्रश्न उत्तर विज्ञान (2022) वाले पोस्ट मे कक्षा 9 विज्ञान पाठ 13 के प्रश्न उत्तर को जानेंगे तो चलिए शुरू करते हैं बिना किसी देरी के….
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1.)आपके विद्यालय की घंटी ध्वनि कैसे उत्पन्न करती है?
उत्तर : जब विद्यालय की घंटी को किसी हथौड़े आदि से टकराया जाता है तो घंटी में कंपन उत्पन्न होने लगते हैं और इन्हीं कंपनों के कारण घंटी से ध्वनि उत्पन्न होता है।
2.)ध्वनि तरंगों को यांत्रिक तरंगे क्यों कहते हैं।
उत्तर : जिन तरंगों को गमन होने के लिए माध्यम की आवश्यकता होती है। उसे यांत्रिक तरंग एक करते हैं और ध्वनि को गमन होने के लिए वायु, जल की आवश्यकता होती है। इसलिए ध्वनि तरंग को यांत्रिक तरंग कहते हैं।
3.)मान लीजिए, आप अपने मित्र के साथ चंद्रमा पर गए हुए हैं। क्या आप अपने मित्र द्वारा उत्पन्न ध्वनि को सुन पाएंगे?
उत्तर : नहीं क्योंकि चंद्रमा पर कोई माध्यम नहीं है। इसलिए हम अपने मित्र द्वारा उत्पन्न ध्वनि को नहीं सुन पाएंगे।
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1.)तरंग का कौन सा गुण निम्नलिखित को निर्धारित करता है? a) प्रबलता b)तारत्व
उत्तर :a) ध्वनि प्रबलता को ध्वनि तरंगों का आयाम निर्धारण करता है। यदि ध्वनि तरंग का आयाम अधिक होगा। तो प्रबलता भी अधिक होगा और यदि ध्वनि तरंगों का आयाम कम होगा तो मृदु ध्वनि उत्पन्न होगा।
b) तारत्व का निर्धारण ध्वनि तरंग की आवृत्ति के द्वारा किया जाता है। अधिक तारत्व की ध्वनि की आवृत्ति भी अधिक होती है तथा जिस ध्वनि से तरंग की आवृत्ति कम होगी, उस ध्वनि का तारत्व भी कम होगा।
2.)अनुमान लगाइए कि निम्न में से किस ध्वनि का तारत्व अधिक है। गिटार ,कार का हॉर्न
उत्तर : गिटार की ध्वनि का तारत्व कार के हॉर्न के अपेक्षा अधिक होता है।
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1.)किसी ध्वनि तरंग की तरंगदैर्ध्य आवृत्ति, आवर्तकाल तथा आयाम से क्या अभिप्राय है?
उत्तर : तरंगधैर्य
दो क्रमागत संपीडन हो या दो क्रमागत विरलन ओं की बीच की दूरी को तरंग धैर्य कहते हैं।
आवृत्ति
प्रति एकांक समय में दोलनों की कुल संख्या को आवृत्ति कहते हैं।
आवर्तकाल
दो क्रमागत संपीड़न या दो क्रमागत विरलन को किसी निश्चित बिंदु से गुजरने में लगे समय को आवर्तकाल कहते हैं।
आयाम
किसी माध्यम में मूल स्थिति के दोनों ओर अधिकतम दूरी को आयाम कहते हैं।
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2.)किसी ध्वनि की तरंगधैर्य तथा आवृत्ति उसके वेग से किस प्रकार संबंधित है?
उत्तर : ध्वनि तरंग = तरंगधैर्य×आवृत्ति
3.)किसी दिए हुए माध्यम में एक ध्वनि तरंग की आवृत्ति 220Hz तथा वेग 440 मीटर पर सेकंड है। इस तरंग की तरंगधैर्य परिकलित कीजिए।
उत्तर : v=220Hz, u=440m/s, λ= ?
λ = v/u = 440/220 = 2m
4.)किसी ध्वनि स्त्रोत से 450 मीटर दूरी पर बैठा हुआ कोई मनुष्य 500Hz की ध्वनि सुनता है। स्रोत से मनुष्य के पास तक पहुंचने वाले दो क्रमागत संपीडनो में कितना समय अंतराल होगा?
उत्तर : v = 500Hz , T = ?
T = 1/v = 1/500 = 0.002s
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1.) ध्वनि की प्रबलता तथा तीव्रता में अंतर बताइए।
उत्तर : प्रबलता
•प्रबलता ध्वनि के लिए कानों की संवेदना की माप है
•यह भौतिक राशि नहीं है
•यह कान की संवेदनशीलता पर निर्भर करती है।
तीव्रता
•प्रति एकांक क्षेत्रफल से 1 सेकंड में गुजरने वाली ध्वनि ऊर्जा को ध्वनि की तीव्रता कहते हैं
•यह भौतिक राशि है।
•यह कान कि संवेदंशीलता पर निर्भर नहीं करता है।
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1.)वायु, जल या लोहे में से किस माध्यम में ध्वनि सबसे तेज चलती है।
उत्तर : लोहे में ध्वनि सबसे तेज चलेगी।
2.)कोई प्रतिध्वनी 3 सेकंड पश्चात सुनाई देती है। यदि ध्वनि की चाल 342m/s हो तो स्रोत तथा परावर्तक पृष्ठ के बीच कितनी दूरी होगी?
उत्तर : v=342m/s, t=3s
माना दूरी = x
प्रतिध्वनि द्वारा तय की गई दूरी = x+x = 2x
दूरी = चाल × समय
2x = 342×3=1026
x = 1026/2 = 513m
स्रोत तथा परावर्तक सतह के बीच दूरी = 513m
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1.) सामान्य मनुष्य के कानों के लिए श्रव्यता परिसर क्या है?
उत्तर 20Hz से 20000Hz
2.) निम्न से संबंधित आवृत्तियों का परिसर क्या है? अवश्रव्य ,पराध्वनि
उत्तर : अवश्रव्य
जिसका श्रव्यता परिसर 20Hz से कम हो। उसे अवश्रव्य ध्वनि कहते हैं
जिसका श्रव्यता परिसर 20000Hz से अधिक हो। उसे पराध्वनि कहते हैं।
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1.)एक पनडुब्बी सोनार स्पंदन उत्सर्जित करती है जो पानी के अंदर एक खड़ी चट्टान से टकराकर 1.02s अंदर वापस लौटता है। यदि खारे पानी में ध्वनि की चाल 1513m/s हो तो चट्टान की दूरी ज्ञात कीजिए।
उत्तर : t = 1.02s , v = 153m/s
माना चट्टान की दूरी =x
सपन्दं द्वारा तय की गई दूरी = x+ x = 2x
दूरी = चाल × समय
2x = 1531 × 1.02
x = 780.81m
अभ्यास के प्रश्न
1.) ध्वनि क्या है और यह कैसे उत्पन्न होती है।
उत्तर : ध्वनि एक प्रकार का ऊर्जा का रूप है जो कंपित करती हुई वस्तु से उत्पन्न होती है।
उत्तर :
3.)किस प्रयोग से यह दर्शाया जा सकता है कि ध्वनि संचरण के लिए एक द्रव्यमान कि आवश्यकता होती हैं
घंटी के बीच को दबाइए और उनकी ध्वनि को आप सुन सकते हैं। अब निर्वात पंप को चलाइए जब बेलजार की एक वायु धीरे-धीरे बाहर निकलती है। तो घंटी को ध्वनि धीमी हो जाती है। इसलिए उसमे पहले जैसी ही विद्युत धारा प्रवाहित हो रही है। कुछ समय बाद जब बेलजार में बहुत कम हुआ जो रह जाती है तब आपको बहुत धीमी ध्वनि सुनाई पड़ती है।
अब बेलजार में से समस्त वायु को निकाल दीजिए। आप देखेंगे कि आपको घंटी की ध्वनि सुनाई नहीं दी पड़ेगी। यह दर्शाता है कि ध्वनि संचरण के लिए एक द्रव्यात्मक माध्यम की आवश्यकता होती है।
4.) ध्वनि तरंगों की प्रकृति अनुदैर्य क्यों है?
उत्तर : चुकी ध्वनि तरंगे संपीड़न और विरलन के रूप में गमन करती है तथा इनके कण संचरण की दिशा के समांतर होता है। कण एक स्थान से दूसरे स्थान तक गति नहीं करते हैं, लेकिन स्थिर अवस्था में आगे पीछे दोलन करते हैं। इसलिए ध्वनि तरंग को अनुदैर्य तरंग कहते हैं।
5.)ध्वनि का कौन सा अभिलक्षण किसी अन्य अंधेरे कमरे में बैठे आपके मित्र की आवाज पहचानने में आपकी सहायता करता है।
उत्तर : ध्वनि की गुणता
6.) तड़ित की चमक तथा गर्जन साथ-साथ उत्पन्न होते हैं। लेकिन दिखाई पहले देने के कुछ सेकंड बाद गर्जन सुनाई देती है। ऐसा क्यों होता है
उत्तर : क्योंकि प्रकाश की चाल ध्वनि के वेग से लाखों गुना ज्यादा होता है इसलिए तड़ित की चमक तथा गर्जन साथ-साथ उत्पन्न होते हुए भी हमें चमक दिखाई देने के कुछ समय बाद भी गर्जन सुनाई देती है।
7.)किसी व्यक्ति का औसत श्रव्य परिसर 20Hz से 20KHz है। क्या इन दोनो आवृत्तियों के लिए ध्वनि तरंगों की तरंगधैर्य ज्ञात कीजिए। वायु में ध्वनि का वेग 344m/s लीजिए।
उत्तर : I- सिथिति,
आवृति = 20Hz , वेग = 344m/s
तरंगधैर्य = वेग/आवृति = 344/20 = 17.2m
II – सिथिति,
आवृति = 20KHz = 20000Hz , वेग = 344m/s
तरंगधैर्य = वेग/आवृति = 344/20000 = 0.0172m
8.) दो बालक किसी एल्यूमीनियम पाइप के दो सिरो पर हैं। एक बालक पाइप के एक सिरे पर पत्थर से आघात करता है। दूसरे सिरे पर स्थित बालक तक वायु तथा एलमुनियम से होकर जाने वाली ध्वनि तरंगों द्वारा लिए गए समय का अनुपात ज्ञात कीजिए।
उत्तर : सिथिति – I,
V= 346m/s ,
माना पाइप की लंबाई = L
धवनि द्वारा तय की गई दूरी = L
समय = दूरी/वेग = L/346 ……… 1
समय का अनुपात = L1/L2 = (L/346)×(6420/L)
= 6420/346= 18.55
सिथिति – II,
Al मे धवनि का वेग = 6420m/s,
माना पाइप की लंबाई = L
Al द्वारा तय की गई दूरी = L
समय = दूरी/समय =L/6420
9.) किसी ध्वनि स्रोत की आवृत्ति 100Hz है। 1 मिनट में कितनी बार कंपन करेगा।
उत्तर : आवृति = 100Hz
अंतः एक सेकंड मे कंपनों की संख्या = 100
1min = 60 सेकंड मे कंपनों कि संख्या = 100×60 =600
10.) क्या ध्वनि परावर्तन कि उन्हें नियमों का पालन करती है जिनका के प्रकाश की तरंगे करती है। इन नियमों को बताए
उत्तर : हां उन्हीं परावर्तन के प्रकाश की तरंगों के नियम का पालन करती है।
1.)परावर्तन कोण और आपतन कोण का मान बराबर होता है।
2.)आपतित तरंग, परावर्तित तरंग और परावर्तक सतह एक ही तल में होता है।
12.) ध्वनि तरंगों की परावर्तन के दो व्यवहारिक उपयोग लिखिए
उत्तर : •लाउडस्पीकर हॉर्न जैसे यंत्रों में आगे का भाग खुला शंक्वाकार होता है
•कंसर्ट तथा सिनेमा हॉल की छतों में।
13.) 500 मीटर ऊँची किसी मीनार कि चोटी से एक पत्थर मीनार के आधार पर स्थित एक पानी के तालाब मे गिराया जाता हैं पानी मे इसके गिरने की ध्वनि चोटी पर कब सुनाई देगी?
उत्तर : h= 500m, v= 340m/s , g= 10m/s^2
h= ut1 + 1/2g(t1)^2
500=0×1+1/2×10×(t1)^2
500 = 5(t) ^2
500/5 = (t1)^2
(t1)^2 = 100
t1 = 10s
t2 = ध्वनि द्वारा चली दूरी/वायु मे ध्वनि की चाल
t2 = 500/340 = 1.47s
कुल दूरी = t1+t1 = 10+1.47=11.47s
14.)एक ध्वनि तरंग 339m/s की चाल से चलती है। यदि इसकी तरंगधैर्य 1.5cmहो तो तरंग की आवृत्ति कितनी होगी, क्या यह श्रव्य होगी?
उत्तर : v= 339m/s , λ = 1.5cm = 0.015m
u= v/λ = 339/0.015 = 220600Hz
15.)अनुरणन क्या है, इसे कैसे कम किया जा सकता है।
उत्तर : किसी बड़े हॉल में उत्पन्न होने वाली ध्वनि बार-बार परावर्तन के कारण काफी समय तक बनी रहती है। ध्वनि का यह बार-बार परावर्तन जिसके कारण ध्वनि का स्थायित्व होता है, अनुरणन कहलाता है।
अनुरणन को कम करने का उपाय
•सभी भवन के छतों तथा दीवारों पर ध्वनि अवशोषक पदार्थों जैसे संपीड़ित फाइबर बोर्ड खुरदरे प्लास्टर पर्दो का प्रयोग करें।
•फर्श के सतह पर कालीन बिछाकर
16.) ध्वनि की प्रबलता से क्या अभिप्राय है, यह किन कारकों पर निर्भर करता है।
उत्तर : ध्वनि की प्रबलता हमारे कानों में संवेदना की माप है जिसके कारण प्रबल तथा मृदु ध्वनि में अंतर के पहचान होता है।
विभिन्न कारण जिन पर ध्वनि की प्रबलता निर्भर करती है। ध्वनि की प्रबलता इन कारकों पर निर्भर करता है। आयाम, आवृत्ति, घनत्व, स्रोत ध्वनि की दूरी से ,क्षेत्रफल।
17.) चमगादड़ अपना शिकार पकड़ने के लिए पराध्वनि का उपयोग किस प्रकार करता है? वर्णन कीजिए।
उत्तर : चमगादड़ अपने शिकार को पकड़ने के लिए पराध्वनि तरंगों को उत्पन्न करता है। इसके द्वारा उत्पन्न उच्च तारत्व के पराध्वनि कीटों से परावर्तित होकर चमगादड़ के कानों तक पहुंचते हैं। इन परावर्तित स्पंदो की प्रकृति से चमगादड़ को पता चलता है कि किट कहां पर है और यह किस प्रकार का है।
18.) वस्तुओं को साफ करने के लिए पराध्वनि का उपयोग कैसे करते हैं?
उत्तर : पराध्वनि का उपयोग वैसे वस्तुओं को साफ करने के लिए किया जाता है। जहां तक पहुंचना कठिन होता है जैसे सर्पिलाकर नली इलेक्ट्रॉनिक अवयव इत्यादि
जिस वस्तु को साफ करना होता है उसे साफ करने वाले मार्जन में डालकर पराध्वनि तरंगों को भेजा जाता है और अधिक आवृत्ति के कारण धूल कण गंदगी और चिकनाई अलग होकर गिर जाते हैं और इस तरह वस्तु पूरी तरह साफ हो जाता है।
19.) सोनार की क्रियाविधि तथा उपयोगों का वर्णन कीजिए।
उत्तर : सोनार एक ऐसी युक्ति है जोकि जल में स्थित पिंडों की दूरी और चाल को मापने के लिए उपयोग किया जाता है जोकि पराध्वनि तरंगों के द्वारा उत्पन्न होता है।
क्रियाविधि
सोनार में एक प्रेषित और एक सनसूचक लगा होता है जिसमें प्रेषित द्वारा पराध्वनि तरंगों को उत्पन्न किया जाता है और यह तरंगे जल में चलती है तथा समुद्र में पिंडो से टकराकर परावर्तित होती है जिसे संसूचक द्वारा ग्रहण कर लिया जाता है और सनसूचक इसे विद्युत संकेतों में बदल देता है और जल में ध्वनि की चाल पराध्वनि के प्रेषण अभीग्रहण के समय अंतराल को ज्ञात करके पिंड की दूरी ज्ञात कर ली जाती है।
20.)एक पनडुब्बी पर लगी एक सोनार युक्ति संकेत भेजती है और उनकी प्रतिध्वनी 5s के बाद ग्रहण करती है। यदि पनडुब्बी से वस्तु की दूरी 3625m हो तो ध्वनि की चाल की गणना कीजिए।
उत्तर : t = 5s , पनडुब्बी से वस्तु की दूरी = 3625m
कुल दूरी = 2×3625 = 7250m
चाल = दूरी/समय = 7250/5 = 1450m/s
21.) किसी धातु के ब्लॉक में दोषों का पता लगाने के लिए पराध्वनि का उपयोग कैसे किया जाता है। वर्णन कीजिए।
उत्तर : जब पराध्वनि तरंगें धातु के ब्लॉक से गुजारी जाती है तो प्रेषित तरंगों का पता लगाने के लिए संसूचको का उपयोग किया जाता है और यदि थोड़ा सा भी दोष होता है तो बड़ा पराध्वनि तरंगें परावर्तित हो जाती है जिससे उसका पता चल जाता है।
22.) मनुष्य का कान किस प्रकार कार्य करता है? विवेचना कीजिए
उत्तर : मनुष्य का काम एक बहुत ही महत्वपूर्ण ज्ञानेंद्रि है जिसकी सहायता से मनुष्य सुन पाता है।
मनुष्य के कान का बाहरी भाग कर्ण पल्लव कहलाता है जिसकी मदद से आसपास की ध्वनि एकत्रित हो पाती है।
श्रवन नलिका के सिर पर एक पतली झिल्ली होती है जिसे कर्ण पटल कहते हैं और माध्यम के संपीडन कान तक पहुँचते है तो झिल्ली के बाहर की ओर लगने वाला दाब बढ़ जाता है और कर्ण पटल को अंदर की ओर दबाता है।
इसी प्रकार विरलन के पहुंचने पर कान बाहर की ओर गति करता है। इस प्रकार कर्ण पटल का कम्पन करता है।
मध्य कर्ण मे तीन हड्डियां होती है जो इन कम्पनो को कई गुना बढ़ा देती है। मध्य कर्ण ध्वनि तरंगों से मिलने वाले इन दाब परिवर्तनों को आंतरिक कर्ण तक संचारित कर देता है। आंतरिक कर्ण इन दाब को विद्युत संकेतों में बदल देता है और इन विद्युत संकेतों को श्रवन तंत्रिका द्वारा मस्तिष्क तक भेज दिया जाता है और मस्तिष्क इनकी ध्वनि के रूप में दिखाता है।
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Note : हां तो दोस्तों आज के इस ध्वनि पाठ के प्रश्न उत्तर विज्ञान वाले पोस्ट मे हमने कक्षा 9 विज्ञान पाठ 13 के प्रश्न उत्तर के बारे मे जाना आशा करता हूँ की आपको यह पोस्ट पसंद आया होगा इसलिए आप इसे अपने दोस्तों के बीच जरूर share करे…
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