पौधों में परिवहन ।। पौधों में जल और भोजन का परिवहन कैसे होता है ।। पौधों में परिवहन की परिभाषा

 आज के इस पोस्ट में हम जानेगे की पौधों में परिवहन किसे कहते है साथ मे जानेगे की पौधों में जल और भोजन का परिवहन कैसे होता है यानी आज के इस ब्लॉग पोस्ट में हम पूरी तरीके से बताए है कि पौधों में परिवहन क्या है और इसकी सम्पूर्ण क्रियाविधि को भी पूर्ण वर्णन के साथ प्रस्तुत किया है तो आप ऐसे पूरे end तक जरूर देखे ।

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इस पोस्ट पर के topic :-

पौधों में परिवहन 

पौधों में परिवहन तंत्र

जाइलम ऊतक

जाइलम  वाहिकाएं

जाइलम वाहिनिकाए

फ्लोएम ऊतक 


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मानव में श्वसन तंत्र


पौधों में परिवहन 

                         किसी पौधे के द्वारा उत्पादित या अवशोषित पदार्थों को पौधों के अन्य सभी भागो तक पहुंचाना ही पौधों में परिवहन कहलाता  है।  
          
          जैसे पौधों के द्वारा मिट्टी से ग्रहण किए गए जल तथा खनिज लवण को पौधे के सभी भागों तक पहुंचाना होता है 

  पौधों को पत्तियों में बनी भोजन को भी पौधों के अन्य हिस्सों तक पहुंचाने की जरूरत पड़ती है। पौधे शाखा युक्त होते हैं ताकि उन्हें प्रकाश संश्लेषण हेतु कार्बन डाइऑक्साइड और ऑक्सीजन परासरण के माध्यम से हवा से सीधे मिल सके।         


पौधों में परिवहन तंत्र
 
               पौधों के परिवहन में भाग लेने वाले अंग सम्मिलित रूप से मिलकर परिवहन तंत्र बनाते है।
         
       पौधों में परिवहन दो ऊतक के द्वारा सम्पन्न होता है ।
1.जाइलम ऊतक
2.फ्लोएम ऊतक

1.जाइलम ऊतक
            पौधों में जाइलम उत्तक जल तथा खनिज लवण का परिवहन करते हैं जिसमें जाइलम उत्तक दो प्रकार के तत्व से होकर ही जल एवं खनिज लवणों को पौधों के सभी भागों तक पहुंचाते हैं।
a)जाइलम वाहिकाएं            b)जाइलम वाहिनिकाए

a)जाइलम वाहिनिकाए 
              जाइलम वाहिकाएं एक लंबी नली होती है जो कि मृत कोशिकाओं से मिलकर बनी होती है। यानी जाइलम वाहिकाएं निर्जीव होती है जो कि पौधों के जोड़े से लेकर सभी तने और पति तक फैली होती है।

जाइलम वाहिकाओं में साइटोप्लाज्म आ नहीं पाई जाती है तथा इनकी दीवारें सेल्यूलोज या लिग्निन की बनी होती है। जल तथा खनिज लवणों का परिसंचरण के अलावा जॉइन एमवाई कान्हा को मजबूती प्रदान करती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि लिग्निन बहुत मजबूत तथा सशक्त होता है।

b) जाइलम वाहिनिकाए

                    
जिस पौधे में फल नहीं होते हैं उनमें जल का परिवहन जाइलम वाहिकाएं के द्वारा होता है जो कि मृत कोशिकाओं से बनी होती है और इसकी भित्ति लिग्निन युक्त होती है 
                            यह  जाइलम वाहिनी का लंबी पतली और तंतु के आकार वाली कोशिकाओं की जैसी होती हैजिनके बदौलत एक वाहिनी का से दूसरे वाहिनी का ने पानी का संचरण होता है।

2.फ्लोएम ऊतक

             पौधों की पत्तियां प्रकाश संश्लेषण प्रक्रिया के फल स्वरुप अपना भोजन तैयार करता है और पौधों के विभिन्न भागों तक भेजती है जो कि फ्लोएम उत्तक के द्वारा संपन्न होता है।

           फ़लोएम ऊतक परिवहन के अलावा अमीनो अम्ल तथा अन्य पदार्थों का परिवहन करता है जो कि पौधों के फलों ,बीजो और वृद्धि वाले भाग में स्थानांतरित किए जाते हैं।

फ्लोएम में स्थानांतरित का कार्य जाइलम के विपरीत होता है। ऊर्जा के उपयोग करता है। सुक्रोज जैसे पदार्थ फ्लोएम उत्तक में एटीपी से प्राप्त उर्जा से ही स्थानांतरित होता है।

यह दाब पदार्थों को फ्लोएम से उस उत्तक तक ले जाता है जहां दाब  कम होता है यह पौधों की आवश्यकता अनुसार पदार्थों का स्थानांतरण करता है। 

वसंत ऋतु में यही जड़ और तने के ऊतकों में भंडारित शर्करा का स्थानांतरण कलीकाओं से करता है, जिसे वृद्धि के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है।

पौधों में परिवहन



तो अब हम जान गए कि पौधों में परिवहन क्या होता है तथा पौधों में जल और भोजन का परिवहन कैसे होता है 

                       Thank You