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होली पर निबंध

होली पर निबंध 500 शब्दों में

होली भारत व नेपाल में मनाई जाने वाली एक महत्वपूर्ण त्यौहार है जिसे रंगो के त्योहार के नाम से भी जाना जाता है। होली फाल्गुन माह की पूर्णिमा को मनाया जाता है। साथ में मार्च का महीना इस त्योहार को और भी मनोरंजक बना देता है जिससे इसके उत्साह के परम सुख को लोगों के चेहरे पर देखी जा सकती है।

होली पर निबंध लिखते समय हमें यह मालूम चला कि यह एक विशेष पर्व तब और बन जाता है जब इसका संबंध धार्मिक रूप से जुड़ जाता है क्योंकि होली का त्यौहार भक्त प्रहलाद की भक्ति को भी उजागर करता है कि कैसे इनकी अनन्य भक्ति से बुराई पर अच्छाई की विजय प्राप्ति होती है।

होली पर निबंध 250 शब्दों पर

यह वह त्योहार है जो अपने रंगों के लिए पूरे विश्व में प्रख्यात है। इस त्यौहार का धार्मिक संबंध प्रहलाद नाम के हरिनारायण भक्त से जुड़ा हुआ है जीको पूर्णत: भगवान नारायण को समर्पित है। यह महाराज हिरणकश्यप का पुत्र था 

 होली का त्योहार कैसे मनाते हैं?

होली का त्योहार लोगों के बीच एकता का प्रतीक है। इस त्योहार के अवसर पर लोग सफेद कपड़े पहनते हैं और खूब मस्ती करते हुए मनाते हैं। साथ में इस अवसर पर लोग पुआ ,पकवान , लस्सी तथा देशी मिठाइयां भी बनाते हैं। अपने परिवारजनों और मित्रों के साथ खाते हैं।

इस त्यौहार को 3 दिनों तक एक अलग ही अंदाज में मनाया जाता है। कई लोग एक जगह पर जमा होते हैं और एक दूसरे को रंग लगाते हैं और बधाइयां देते हैं। पहले दिन औरतें रंग-बिरंगे बरतने बनाते हैं तथा पानी का रंग बनाते हैं। साथ में दूसरे दिन भी लोग के साथ त्यौहार का आनंद लेते हैं और तीसरे दिन रंगों के साथ रंग खेलते हैं जिससे तीसरे दिन पूरा भारत देश पूरा रंगमय हो जाता है।

 इस त्योहार के अवसर पर कई लोग शहरों से अपने गांव की तरह के रुख करते हैं और अपनी होली को यादगार बनाते हैं, जिससे वे अपने गांव भी घूम लेते हैं और बचपन के दोस्तों के साथ होली भी मना लेते हैं।

होली पर निबंध 400 शब्दों में

परिचय यह रंगों का त्योहार केवल भारतवर्ष में ही नहीं बल्कि पूरे संसार में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है और यह त्योहार भारत में मनाए जाने वाले त्योहारों में से एक खास त्यौहार है जिसका भाव बुराई पर अच्छाई की जीत को संकेत करता है।

क्यों मनाई जाती है होली का त्यौहार

होली पर निबंध लिखते हुए मैं आपकों बता हु की यह त्योहार को मानने के पीछे कई तरह की कथाएं प्रचलित है और जो सबसे लोकप्रिय कथा है, वह प्रहलाद वाला कथा है जिसमें प्रहलाद हिरण्यकश्यप का पुत्र होता है और यह हिरण कश्यप एक क्रूर तथा आताताई किस्म का इंसान था जो खुद को ही भगवान मानता था और अपेक्षा करता था कि सभी जनमानव उसको ही भगवान माने और उसी की पूजा अर्चना करें, लेकिन उसका ही पुत्र प्रहलाद जो कि भगवान विष्णु का अनन्य भक्त था। उसने अपने पिता का पूजा करने से मना कर दिया।

तब हिरणकश्यप कई तरह के षड्यंत्र का इस्तेमाल करके प्रहलाद से अपनी पूजा कराना चाहा पर वह विफल रहा।

फिर उसने अपनी बहन होलिका का सहारा लिया, जिसे आशीर्वाद था कि उसे आग नहीं जला सकेगी तो उसने बड़े ही चालाकी के साथ प्रहलाद को अपनी गोद में लेकर आग की बड़ी लपट पर बैठ गई और केवल प्रहलाद के हरी नाम जपने से होलिका तरह जल गई ।तभी से होली का होली का पर्व मनाया जाता है।

हमारे जीवन में होली का महत्व

होली का त्योहार हमे सिख देती है कि हमें जीवन में सदा सत्य के पथ पर चलना चाहिए। चाहे इस मार्ग पर क्यों ना हिरणकश्यप या होलिका जैसी परेशानी हो। हमें अपने पथ से हटना नहीं चाहिए क्योंकि अंतत जीत हमेशा सत्य की होती है।

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होली की खासियत

होली अपने आप में खास है। यह रंगों का त्योहार हमें यह याद दिलाता रहता है कि जीवन कई रंगों से रंगा हुआ है। जीवन में सुख- दुख के रंग बदलते रहते हैं। हमें किसी भी वक्त निराश नहीं होना चाहिए क्योंकि समय बदल रहता है चाहे उस पर किसी भी प्रकार का प्रकोप क्यों ना हो ।

होली पर निबंध 300 शब्दों में

परिचय

होली का त्योहार अपने साथ एक अलग ही प्रकार का सकारात्मक ऊर्जा लेकर आता है जोकि पूरे आसमान में गुलाल की तरह ऊर्जा को चारों तरफ बिखेर देता है और इस पर्व की आने की खुशी में लोग खास तरह के तैयारियां करने लगते हैं।

होली की तैयारी

होली की तैयारी में लोग कई दिन पहले से ही लग जाते हैं और सभी के घरों में अनेकों प्रकार की तैयारियां शुरू हो जाती है। साथ में इस त्योहार के शुभ अवसर पर लोगों के घरों में दही, गुजिया ,पुआ जैसे प्रमुख देशी पकवान बनाए जाते हैं और कई मध्यवर्गीय परिवार के लोग अपने बच्चों को इस त्योहार पर नए नए कपड़े भी दिलाते हैं।

होली कैसे मनाई जाती है।

होली के अवसर पर सभी के चेहरे पर खुशी छलकती है। हमारे बड़े बुजुर्ग भी बच्चे बन जाते हैं। उनके चेहरों पर ऐसे रंग लग जाते हैं कि उनको पहचानना मुश्किल हो जाता है। हम सभी अपने दोस्तों के साथ खूब रंग खेलते हैं तथा अपने बड़ों को रंग लगाकर उनका आशीर्वाद भी लेते हैं।

इस शुभ अवसर पर हमारे अंदर अमीरी- गरीबी ,ऊंच नीच के भेदभाव को बुलाकर हम सबों का एक समान समझते हैं।

इस खुशी के पल में कई लोग इतना खुश हो जाते हैं कि वे मदिरा ,भांग का भी भरपूर सेवन करते हैं और भांग तो विशेष रूप से इस अवसर पर पिया जाता है। जहां घर की महिलाएं सारे पकवान को दोपहर तक बनाकर होली खेलना शुरू कर दी है। वहीं बच्चे सुबह से ही रंग में रंग जाते हैं।

होली के पहले होलिका दहन

होली वाले दिन से ठीक 1 दिन पहले गांवों और शहरों में भी खुले स्थान पर होलिका दहन को मनाया जाता है जो कि भगवान की असीम भक्ति का एक प्रमाण है कि बुराई पर अच्छाई की जीत हुई है।

होली का बदलता रूप

आज के समय मनाया जाने वाला होली पारंपरिक रूप से मनाए जाने वाले होली से काफी ज्यादा बदल चुका है। आज के समय में लोग होली के नाम पर अनौपचारिक तरीकों का इस्तेमाल करते हैं।

होली पर बदमाशी

कुछ लोग इस त्योहार को गलत तरीके से मनाते हैं और जबरन किसी व्यक्ति पर जबरदस्ती बुरा ना मानो होली का नारा लगा रंग छिड़क देते हैं।

भारत के अन्य राज्यों में होली का रूप

हमारे भारतवर्ष में अलग-अलग जगह पर अलग-अलग तरीके से होली मनाया जाते हैं।

ब्रज वासियों की लठमार होली

होली पूरे संसार से अलग और अद्भुत ब्रज की होली होती है। बरसाना में होली प्रेम का प्रतीक माना जाता है। इस अवसर पर नंदगांव के पुरुष और बरसाना की महिलाएं आपस में होली खेलते हैं। इसमें पुरुष भरी पिचकारी से महिलाओं को भीगते हैं और महिलाएं खुद का ब


चाव लठो से मारकर करती है।

मथुरा और वृंदावन की होली

यहां के लोग होली को 16 दिनों तक बड़े ही धूमधाम से मनाते हैं जो कई तरह के पारंपरिक गीतों से मनाते हैं।

पंजाब की होली

पंजाब की होली को ‘ होला मोहल्ला’ कहते हैं जो कि पुरुष की शक्ति का प्रदर्शन को दर्शाता है। यहां पर 6 दिनों तक का मेला भी लगता है जिसमें पुरुष भाग लेते हैं और घुड़सवारी, तीरंदाजी जैसे प्रदर्शन करते हैं।

मणिपुर की होली

होली के अवसर पर मणिपुर के लोग एक पारंपरिक नृत्य करते हैं जिसे थंबल चाइगंबा कहते हैं। यहां पर इस त्योहार को पूरे 6 दिनों तक बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है। साथ में कई तरह के प्रतियोगिताओं को भी शामिल किया जाता है।

FAQ :

1.) होली के लिए एक अच्छी लाइन क्या है?

उत्तर : होली का त्योहार हमारे परिवार में खुशी समृद्धि और सफलता को लेकर आता है। साथ में और रंगों का त्योहार प्यार का भी प्रतीक है।

2.) होली की शुरुआत क्यों हुई?

उत्तर : जब होलिका ने भक्त प्रहलाद को गोद में लेकर बैठ गई, फिर भी प्रहलाद को कुछ नहीं हुआ, लेकिन होलिका जल गई तो इसी खुशी में होली मनाई जाती है।

3.) होली का मतलब क्या होता है ?

उत्तर : यह त्योहार बसंत ऋतु का आगमन और बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है। साथ में इसका संबंध राधा और कृष्ण से भी है।

4.) होली के दिन रंग क्यों लगाना?

उत्तर : होली के दिन रंग क्यों लगाया जाता है। कहा जाता है कि एक बार जब भगवान कृष्ण ने अपनी यशोदा मैया से अपने चेहरे का रंग और राधा के चेहरे के रंग में भेद को लेकर बातें कर रहे थे तो मैया ने कहा कि तुम भी राधा के चेहरे पर रंग लगा दोगे तो उसका भी रंग तुम्हारे जैसा ही हो जाएगा।

5.) कहां की होली प्रसिद्ध है ?

उत्तर : वैसे तो अलग-अलग जगह पर होली बड़े ही धूमधाम से मनाई जाती है। लेकिन ब्रज वासियों की लठमार होली सबसे ज्यादा प्रसिद्ध है।

अंतिम शब्द : तो दोस्तों आपने देखा की कैसे मैंने इस होली पर निबंध वाले पोस्ट पर होली से संबंधित सभी तथ्यों को cover किया हैं अगर आपकों इसमें कही दिक्कत हैं तो हमे commet में जरूर बताएं