गुरुत्वाकर्षण नोट्स class 9 || गुरुत्वाकर्षण कक्षा 9 || गुरुत्वाकर्षण प्रश्न उत्तर class 9

 वैसा बल जो किसी भी वस्तु को पृथ्वी के केंद्र कि ओर खिचता हैं उसे गुरुत्वाकर्षण बल कहते हैं.

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Hello, दोस्तों तो एक बार फिर आपका स्वागत हैं मेरे इस ब्लॉग पर अगर आप भी गुरुत्वाकर्षण नोट्स class 9 के टॉपिक को खोज रहे हैं तो आप बिल्कुल सही पोस्ट पर आये हैं क्योंकि मैंने अपने इस पोस्ट पर गुरुत्वाकर्षण कक्षा 9 के सभी टॉपिक को बताया हैं साथ में मैंने इस पोस्ट पर गुरुत्वाकर्षण प्रश्न उत्तर class 9 को भी बताया हैं… तो चलिए शुरू करते हैं


        गुरुत्वाकर्षण बल का परिभाषा

वैसा बल जो किसी भी वस्तु को पृथ्वी के केंद्र की ओर खींचता है, उसे गुरुत्वाकर्षण बल कहते हैं।

 गुरुत्वाकर्षण का सार्वत्रिक नियम बताइए

गुरुत्वाकर्षण का सार्वत्रिक नियम के अनुसार “दो वस्तुओं के बीच लगने वाला आकर्षण बल उनके द्रव्यमान के गुणनफल के समानुपाती तथा उनके बीच की दूरी के वर्ग का व्युत्क्रमानुपाती होता है”

माना दो वस्तु है जिसका द्रव्यमान m1 और m2 है तथा उनके बीच की दूरी d है तथा लगने वाला बल f है।

 दो वस्तुओ के बीच लगने वाला बल उनका द्रव्यमान के गुणनफल के समानुपाती होता है।

                f  ∝ m1×m2         समीo 1

दो वस्तुओ के बीच लगने वाला बल उनके दूरी के वर्ग का व्युत्क्रमानुपाती होता है।
                 f ∝ 1/d^2             समीo 2

समीo 1 और समीo 2

               f ∝ m1×m2/d^2

              f  = Gm1×m2/d^2
गुरुत्वाकर्षण नोट्स class 9




         गुरुत्वाकर्षण नियतांक क्या हैं

सभी समय और सभी स्थानों पर G का मान नियत रहता है। इसलिए जी को गुरुत्वीय नियतांक कहते हैं।

G का मान = 6.673×10^-11 Nm^2/kg^2

इन्हे भी जरूर पढ़े (खास आपके लिए) 

  गुरुत्वाकर्षण का सार्वत्रिक नियम का महत्व 

                                      गुरुत्वाकर्षण का सार्वत्रिक नियम का महत्व इस प्रकार है…. 

1.सूर्य के चारों ओर ग्रह की गति
2.पृथ्वी के चारों और चंद्रमा की गति
3.हमें पृथ्वी के साथ बांधे रखने में
4.समुद्र में ज्वार भाटा का निर्माण


                         मुक्त पतन 

जब कोई वस्तु पृथ्वी की ओर गिरती है तो उसे मुक्त पतन करते हैं।        
मुक्त पतन के दौरान वस्तु की दिशा परिवर्तनशील होती है किंतु वस्तु का वेग हमेशा परिवर्तित होती रहता है।

                         गुरुत्वीय त्वरण 

जब कोई वस्तु स्वतंत्र रूप से पृथ्वी की ओर गिरती है तो गुरुत्वाकर्षण बल के कारण उसके वेग में परिवर्तन होता है जिससे त्वरण उत्पन्न होता है और इस त्वरण को गुरुत्वीय त्वरण कहते हैं। गुरुत्वीय त्वरण को g द्वारा सूचित किया जाता है इसका मान 9.8 m/s^2

  गुरुत्वीय त्वरण और गुरुत्वीय स्थिरांक में अंतर

गुरुत्वीय त्वरण

1.इसे g से सूचित किया जाता है।
2.इसका S.I.मात्रक m/s^2होता है।
3.इसका मान अलग-अलग जगह पर अलग-अलग होता है 
4. यह एक प्रकार का सदिश राशि है 

गुरुत्वीय स्थिरांक

1.इसे G से सूचित किया जाता है।
2.इसका S.I.मात्रक Nm^2/kg^2 होता है।  
3.इसका मान हमेशा स्थिर रहता है।
4.यह एक प्रकार का अदिश राशि है।

पृथ्वी के गुरुत्वीय बल के प्रभाव के वस्तुओं की गति 

वैसे तो पृथ्वी के सतह पर g का मान स्थिर होता है और एक समान गति से गतिमान वस्तु के त्वरण a के स्थान पर g को रखा जाता है जैसे…

v = u + gt
s  = ut + 1/2gt^2
v^2 – u^2 = 2gh

u =प्रारंभिक वेग
v =अंतिम वेग 
s = दूरी 
t = समय 
a = गुरुत्वीय त्वरण 
h = ऊंचाई

                 द्रव्यमान का परिभाषा

किसी पदार्थ में उपस्थित कुल कणों के परिमाण को द्रव्यमान कहा जाता है। द्रव्यमान को m द्वारा सूचित किया जाता है। इसका S.I.मात्रक kg होता है तथा यह एक प्रकार का अदिश राशि है।


                  भार का परिभाषा

किसी वस्तु का भार वह बल है जिसके कारण पृथ्वी उसे अपनी ओर खींचता है और भार को w से सूचित किया जाता है। इसका S.I.मात्रक न्यूटन होता है 

              द्रव्यमान और भार में अंतर

द्रव्यमान

1.द्रव्यमान को m द्वारा सूचित किया जाता है।
2.इसका S.I.मात्रक kg होता है।
3.द्रव्यमान अदिश राशि होता है। 
4.द्रव्यमान अपरिवर्तनशील होता है।

भार

1.भार को w द्वारा सूचित किया जाता है। 
2.भार का S.I.मात्रक न्यूटन होता है।
3.भार सदिश राशि होता है। 
4.भार परिवर्तनशील होता है।

          g को प्रभावित करने वाले कारक

पृथ्वी की त्रिज्या ध्रुवों से विश्वत रेखा की ओर जाने पर बढ़ती है। इसलिए g का मान ध्रुवों पर विश्वत रेखा की अपेक्षा अधिक होता है।

                प्रणोद किसे कहते हैं 

किसी वस्तु के लंबवत दिशा में लगने वाले बल को प्रणोद कहते हैं।

                    दाब की परिभाषा

किसी वस्तु के प्रति एकांक क्षेत्रफल पर लगने वाले बल को दाब कहते हैं। दाब को Pa द्वारा सूचित किया जाता है। इसका S.I.मात्रक पास्कल होता है।

                    उत्प्लावन बल क्या है

जब किसी भी वस्तु को पूर्ण या आंशिक रूप से तरल में डुबोया जाता है तो वह ऊपर की ओर एक बार अनुभव करती है जिसे उत्प्लावन बल कहते हैं।


             आर्कमिडीज का सिद्धांत क्या है

आर्कमिडीज के सिद्धांत के अनुसार “जब किसी भी वस्तु को पूर्ण या आंशिक रूप से तरल में डुबोया जाता है तब वस्तु ऊपर की ओर एक बल अनुभव करता है जो वस्तु द्वारा हटाए गए तरल के भार के बराबर होता है”

    आर्कमिडीज का सिद्धांत का अनुप्रयोग

1.इसका उपयोग जलयानों तथा पनडुब्बियों के डिजाइन निर्माण में किया जाता है।
2.इसका उपयोग दुग्धमापी और हाइड्रोमीटर में किया जाता है।
3.इसका उपयोग पदार्थों के घनत्व ज्ञात करने में किया जाता है।


             घनत्व किसे कहते हैं 

किसी वस्तु के प्रति एकांक आयतन में उपस्थित द्रव्यमान को घनत्व करते हैं।

घनत्व = द्रव्यमान/आयतन

              आपेक्षिक घनत्व क्या है

किसी भी पदार्थ का घनत्व तथा पानी के घनत्व के अनुपात को आपेक्षिक घनत्व कहते हैं।


आपेक्षिक घनत्व  = पदार्थ का घनत्व /पानी का घनत्व


आपने क्या सिखा… 
हमने अपने गुरुत्वाकर्षण नोट्स class 9 वाले पोस्ट पर कई सारे टॉपिक को बताये हैं जोकि गुरुत्वाकर्षण कक्षा 9 से संबधित हैं जिनके कुछ पद इस प्रकार हैं… 

• गुरुत्वाकर्षण बल में कोई वस्तु पृथ्वी की ओर गिरती हैं
• गुरुत्वाकर्षण का सार्वत्रिक नियम से दो वस्तुओं के बीच लगने वाला बल उनके द्रव्यमान के गुणनफल के समानुपाती होता हैं
• बल का S. I. मात्रक N होता हैं
• दाब का S. l. मात्रक पास्कल होता हैं 
• g का S.I.मात्रक m/s^2होता है।
• G का S.I.मात्रक Nm^2/kg^2 होता है।  

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