तो दोस्तों अगर आप भी class 10th में हैं और अगर आप भी छाया मत छुना के प्रश्न उत्तर ढूंढ रहे हैं तो आप बिल्कुल ही सही post पर आ चुके हैं क्योंकि आज हम इसी के बारे में बात किए हैं तो चलिए शुरु करते हैं….
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!छाया मत छुना
अभ्यास के प्रश्न
प्रश्न 1. कवि ने कठिन यथार्थ के पूजन की बात क्यों कही है ?
उत्तर-कवि विगत स्मृतियों को छोड़कर कठिन वर्तमान के यथार्थ के पूजन की बात इसलिए करता है क्योंकि इसका संबंध सुंदर भविष्य से है। वर्तमान की कठिनाइयाँ झेलकर ही सुंदर और मंगलमय भविष्य की प्राप्ति हो सकती है।
प्रश्न 2. भाव स्पष्ट कीजिए- प्रभुता का शरण बिब केवल मृगतृष्ण है, हर चंद्रिका में छिपी एक रात कृष्णा है।
उत्तर : इस पंक्ति के माध्यम से कवि कहना चाहते हैं की रात छिपी हुई है। इसलिए भटकावों में न उलझकर तू जीवन के कठिन कठोर यथार्थ अर्थात् सत्य का सामना कर
प्रश्न 3. ‘छाया’ शब्द यहाँ किस संदर्भ में प्रयुक्त हुआ है ? कवि ने उसे छूने के लिए मना क्यों किया है ?
उत्तर- छाया शब्द यहाँ अतीत को स्मृतियों और दुःखों के संदर्भ में प्रयुक्त हुआ है। कवि उसे न छूने की बात इसलिए करता है क्योंकि इससे दुःख दूना होता है।
प्रश्न 4. कविता में विशेषण के प्रयोग से शब्दों के अर्थ में विशेष प्रभाव पड़ता है, जैसे कठिन यथार्थ। कविता में आए ऐसे अन्य उदाहरण छाँटकर लिखिए और यह भी लिखिए कि इससे शब्दों के अर्थ में क्या विशिष्टता पैदा हुई ?
उत्तर- यष्टा, चित्रगंधा, चंद्रिका, शरणबिंब, शरद रात आदि।
प्रश्न 5. मृगतृष्णा किसे कहते हैं, कविता में इसका प्रयोग किस अर्थ में हुआ है ?
उत्तर- मृगतृष्णा रेगिस्तान में बालू को जल समझकर प्यास से भटकते हिरन के भ्रम को कहते हैं।
कविता में इसका प्रयोग व्यक्ति द्वारा अतीत को दुःख कम करने वाला समझकर उसका स्मरण करने में और प्रभुता के अर्थ में किया गया है।
प्रश्न 6. ‘बीती ताहि बिसार दे आगे की सुधि ले’ यह भाव कविता की किस पंक्ति में झलकता है ?
उत्तर- जो न मिला भूल कर उसे तू भविष्य वरण’ में ‘बीती ताहि बिसार दे आगे की सुधि ले’ का भाव झलकता है।
प्रश्न 7. कविता में व्यक्त दुख के कारणों को स्पष्ट कीजिए।
उत्तर : अतीत की स्मृति’ ही कविता में व्यक्त दुःख का कारण है। उपलब्धि और अनुपलब्धि की चिंता भी इसका दूसरा पहलू है