जंतुओं की कोशिकाओं के समूह को जन्तु कोशिका कहते है जिनका कार्य और संरचना समान होता है।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!सारांश:-
आज के इस पोस्ट में हमने जन्तु ऊतक किसे कहते है के बारे में पूर्ण विस्तार के साथ बताया है साथ मे यह भी बताया है कि जन्तु ऊतक के प्रकार कितने होते है और अगर आप जन्तु ऊतक के बारे में जानना चाहते है तो इस पोस्ट को पूरा अंत तक देखे।
इस पोस्ट पर पढ़े जाने वाले Topics:-
●जन्तु ऊतक किसे कहते है
●जन्तु ऊतक के प्रकार
●एपिथिलीयमी ऊतक
●संयोजी ऊतक
●पेशीय ऊतक
●तंत्रिका ऊतक
●जन्तु ऊतक
जंतुओं की कोशिकाओं के समूह को जन्तु कोशिका कहते है जिनका कार्य और संरचना समान होता है।
जन्तु ऊतक को मुख्यतः चार भागों में बांटा गया है
1.एपिथिलीयमी ऊतक
2.संयोजी ऊतक
3.पेशीय ऊतक
4.तंत्रिका ऊतक
1.एपिथिलीयमी ऊतक
जंतुओं के शरीर को रक्षा तथा ढकने वाले उत्तक को एपिथिलीयमी कहा जाता है। इस ऊतक की कोशिकाएं एक दूसरे के साथ जुड़ी होती है।
इन उत्तक के कोशिकाओं के बीच काफी कम रिक्त स्थान पाया जाते हैं। एक एपिथीलियम ऊतक दूसरे एपिथीलियम ऊतक से एकरेशेदार के द्वारा अलग होते हैं।
इसलिय एपिथिलीयमी ऊतक को उनके संरचना के आधार पर चार प्रकार के भागों में बांटा गया है
a)शल्की एपिथिलीयमी
b)घनाकार एपिथिलीयमी
c)स्तम्भाकार
d)स्तरीय शल्की एपिथिलीयमी
a)शल्की एपिथिलीयमी :-
इस प्रकार के एपिथीलियम ऊतक की कोशिकाएं पतली तथा चपटी होती है जो कोमल अस्तर का निर्माण करती है
यह मुख्य रूप से आहारनली, मुंह ,रक्त वाहिकाएं जैसे जगहों में पाए जाते हैं।
शल्की एपिथीलियम ऊतक चयनात्मक पारगम्य झिल्ली बनाती है जिसके द्वारा पदार्थों का आवागमन होता है।
b)घनाकार एपिथिलीयमी :-
इस प्रकार के एपिथिलीयमी ऊतक की कोशिकाएं घनाकार होती है यह उत्तक वृक्क तथा लार ग्रंथियों में पाई जाती है।
अधिकतर बार में ये उत्तक की कोशिकाएं ग्रंथि कोशिका के रूप में द्रव का स्राव करती है। इसलिए घनाकार एपिथीलियम ऊतक को ग्रंथिल एपिथिलीयमी भी कहा जाता है।
c)स्तम्भाकार :-
इस प्रकार की उत्तक के कोशिकाएं का आकार स्तंभाकार और लंबी होती है जोकि आँत के स्तर पर पाई जाती है।
इस उत्तक का मुख्य कार्य अवशोषण और स्राव करना होता है। इन उत्तक की श्वास नली में स्थित स्तंभाकार एपीथिलियम की कोशिकाएं में पक्ष्माभ होती है। इसलिए इन्हें पक्ष्माभि स्तम्भाकार एपिथीलियम ऊतक भी कहते हैं।
d)स्तरीय शल्की एपिथिलीयमी :-
इस प्रकार के एपिथीलियम ऊतक की कोशिकाओं में कई तरह के परते होती हैं जोकि त्वचा में पाई जाती हैं।
3.पेशीय ऊतक:-
यह उत्तक लंबी रेशेदार कोशिकाओं से मिलकर बना होता है जिसमें विशेष प्रकार के प्रोटीन पाई जाती है, इसमें सिकुड़ने की क्षमता पाई जाती है जिसके कारण पेशियों में संकुचन हो पाता है।
पेशीय ऊतक के प्रकार इस प्रकार है :-
a)ऐक्छिक पेशी
b)अनैच्छिक पेशी
c)हृदय पेशी
a)ऐक्छिक पेशी:-
ऐच्छिक पेशी को रेखित पेशी भी कहते हैं क्योंकि इनमें गहरे और हल्के राम के धारियां पाई जाती हैं
इन उत्तक की कोशिकाएं लंबी ,अशाखित होते है यह ऊतक उन अंगों में पाया जाता है जंहा ऐक्छिक गति होती है इसीलिये इसे ऐक्छिक पेशी कहते है ।
b)अनैच्छिक पेशी :-
इस प्रकार के उत्तके में धारिया नहीं होती है इसलिए इस उत्तक को अरेखित ऊतक कहते हैं। इस उत्तक की कोशिकाओं में शाखा नहीं पाई जाती है।
यह उत्तक उन अंगों में पाई जाती है जहां ऐक्छिक गति नहीं होती है।
c)हृदय पेशी:-
इस उत्तक हृदय में पाया जाता है जिसकी कोशिकाओं की संरचना बेलनाकार तथा शाखाओं वाली होती है।
4.तंत्रिका ऊतक:-
इस उत्तक की संरचनात्मक तथा क्रियात्मक इकाई न्यूरॉन होता है जिसका आकार अनियमित होता है। यह लगभग 1 मीटर तक लंबी होती है। मानव मस्तिष्क तथा अन्य तंत्रिका तंत्रिका उत्तक से ही बने होते हैं। इसका मुख्य कार्य शरीर के अंगो का नियंत्रण करना होता है।
आपने क्या सीखा:-
●जन्तु के कोशिकाओं के समूह को जन्तु ऊतक कहते है ।
●जन्तु ऊतक चार प्रकार के होते है
●शल्की एपिथिलीयमी ऊतक आहारनली ,मुह और रक्त वाहिनिकाए की किशिकाओ में पाई जाती है ।
●स्तरीय एपिथिलीयमी ऊतक त्वचा में पाई जाती है ।
●संयोजी ऊतक के कई प्रकार होते है ।
●अस्थि के द्वारा कंकाल का निर्माण होता है ।
●उपास्थि जोड़ो में,कर्णपटल में और नाक में पाई जाती है ।
●स्नायु के द्वारा एक हड्डी को दूसरे हड्डी से जोड़ा जाता है
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