तो दोस्तों अगर आप भी क्लास 10th के छात्र हैं और आप भी गूगल पर जॉर्ज पंचम की नाक का प्रश्न उत्तर ढूंढ रहे है तो आप बिलकुल ही सही जगह पर आए हैं क्योंकि आज हमने इसी के बारे में बताया हैं तो चलिए शुरु करते हैं….
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!जॉर्ज पंचम की नाक का प्रश्न उत्तर कक्षा 10th
अभ्यास के प्रश्न
प्रश्न 1. सरकारी तंत्र में जॉर्ज पंचम की नाक लगाने को लेकर जो चिन्ता या बदहवासी दिखाई देती है, वह उनकी किस मानसिकता को दर्शाती है?
उत्तर- सरकारी तंत्र में जॉर्ज पंचम की नाक लगाने को लेकर जो चिंता या बदहवासी दिखाई देती है यह सरकारी तंत्र की निम्नलिखित मानसिकता को दर्शाती है-
(क) सरकारी तंत्र जागरूक तभी होता है जब कोई विपदाएँ आ जाती हैं। तब हर मामले में कमेटियाँ बनाई जाती हैं, बहस होती है और अंत में उसका कोई परिणाम नहीं निकलता।
(ख) सभी अपनी जिम्मेदारी निर्वाह करने से कन्नी काटते हैं तथा अपने से छोटो पर कार्य की जिम्मेदारी सौंप देते हैं। सलाह मशविरे उच्च स्तर पर करते हैं लेकिन बौद्धिकता निम्न स्तर को व्यक्त होती है।
(ग) सरकारी कार्यालयों में या तो फाइलें नहीं मिलतीं या फिर फाइलों में कुछ नहीं मिलता। कार्यालयों में अधिकारी दिखाया करने वाले तथा चापलूसी करने वाले होते हैं।
(घ) एक विभाग अपनी जिम्मेदारी दूसरे विभाग पर तथा दूसरा तीसरे पर मढ़ता रहता है और कार्य अधर में लटक जाता है व कभी पूरा नहीं हो पाता।
प्रश्न 2. रानी एलिजाबेथ के दरजी की परेशानी का क्या कारण था? उसकी परेशनी को आप किस तरह तर्कसंगत ठहराएँगे?
उत्तर – रानी एलिजाबेथ कोई साधारण महिला नहीं थी। वह तो एक साम्राज्ञी थी। रानी की वेशभूषा की जिम्मेदारी दरजी पर थी।
उस दरजी को ही सुनिश्चित करना था कि रानी हिन्दुस्तान व पाकिस्तान तथा नेपाल यात्रा के दौरान कब कौन-सी पोशक पहनेगी। इसलिए उसकी परेशानी तर्कसंगत है।
प्रश्न 3. ‘और देखते-ही-देखते नयी दिल्ली का काया पलट के लिए क्या-क्या प्रयत्न किए गए होंगे
उत्तर-और देखते-ही-देखते नई दिल्ली का काया पलट होने लगा’ नयी दिल्ली के काया पलट के लिए निम्नलिखित प्रयत्न किए गए होंगे-
(क) सड़कों की साफ-सफाई तथा उनकी मरम्मत करके सुविधाजनक बनाया गया होगा।
(ख) सड़कों के किनारे एवं पाकों के वृक्षों व झाड़ियों को काट-छाँटकर सुन्दर व आकर्षक बनाया गया होगा।
(ग) पूरे शहर की साफ-सफाई की गई होगी तथा सजावट की गई होगी।
(घ) सभी सरकारी भवनों पर रंग-रोगन किया गया होगा तथा उनमें सभी सुविधाएँ
(ङ) सरकारी पार्कों व लॉनों की हरी घास को काट-छाँटकर सुंदर बनाया गया होगा। उपलब्ध कराई गई होंगी।
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प्रश्न 4. आज की पत्रकारिता में चर्चित हस्तियों के पहनावे और खान-पान संबंधी आदतों आदि के वर्णन का दौर चल पड़ा-
(क) इस प्रकार की पत्रकारिता के बारे में आपके क्या विचार हैं?
(ख) इस तरह की पत्रकारिता आम जनता विशेषकर युवा पीढ़ी पर क्या प्रभाव डालती है?
उत्तर- (क) इस प्रकार को पत्रकारिता के बारे में हमारे विचार यह है कि इस पत्रकारिता से धन और समय दोनों के नष्ट होने के अलावा और कुछ भी नहीं मिलती है। यह निम्न प्रकार की पत्रकारिता कहलाती है।
कारण यह कि आम लोगों को चर्चित हस्तियों के पहनावे, उनके अंगरक्षकों, उनके पालतू जानवरों तथा कामगारों की जीवनियों को जानने या पढ़ने को उत्सुकता बिल्कुल नहीं होती है।
(ख) इस तरह की पत्रकारिता आम जनता विशेषकर युवा पीढ़ी उनके पहनावे व रहन-सहन को देखकर नकल करने का प्रयास करते हैं तथा वे गलत रास्ते पर चलने लगते हैं।
यह फैशनपरस्ती युवा पीढ़ी पर बुरा प्रभाव डालती है क्योंकि यदि उनके पास इसके लिए पैसा नहीं हो तो देखा देखी के चक्कर में गलत कार्य करने लगते हैं।तथा वे पथभ्रष्ट हो जाते हैं।
प्रश्न 5. जॉर्ज पंचम की लाट की नाक को पुनः लगाने के लिए मूर्तिकार ने क्या-क्या प्रयत्न किए?
उत्तर- जॉर्ज पंचम की लाट की नाक को पुनः लगाने के लिए मूर्तिकार ने उसे पत्थर की तलाश की जिस पत्थर से लाट बनाई गई थी।
उसने पूरे भारत में नाक की नाप लेकर वैसा ही नाक को पाने की कोशिश की। उसने बिहार सचिवालय के समक्ष बने शहीदों व बच्चों की नाक नाप कर देखी। मूर्तिकार ने लगातार सरकारी तंत्र को दास बंधाया और जिन्दा नाक लगाने का पूरा प्रयास किया।
प्रश्न 6. प्रस्तुत कहानी में जगह-जगह कुछ ऐसे कथन आए हैं जो मौजूदा व्यवस्था पर करारी चोट करते हैं। उदाहरण के लिए ‘फाइलें सबकुछ हजम कर चुके थे।’ ‘सब हुक्कामों ने एक-दूसरे की तरफ ताका’ पाठ में आए ऐसे अन्य कथन छाँटकर लिखिए।
उत्तर – प्रस्तुत पाठ में आए अन्य कथन निम्नलिखित हैं-
(क) जॉर्ज पंचम की नाक के लिए किसी समय बहुत शोर-शराबा हुआ था। अनेक राजनैतिक पार्टियों ने प्रस्ताव पारित किए थे. चंदा इकट्ठा किया था, कुछ नेताओं ने लंबे-चौड़े भाषण दिए थे।
(ख) उच्च स्तर पर मशवरे हुए, दिमाग खरांचे गए तथा यह तय किया गया कि हर हालत में इस नाक का होना बहुत है।
(ग) देश के की मीटिंग बुलाई गई और मसला पेश किया गया।
(घ) मूर्तिकार यों तो कलाकार था पर जरा पैसे से लाचार था।
(ङ) मूर्तिकार यों तो कलाकार था पर जरा पैसे से लाचार था।
(च) “सर मेरी खता माफ हो, फाइलें सबकुछ हजम कर चुकी हैं।”
(छ) सब हुक्कामों ने एक-दूसरे की तरफ ताका… एक को नजर ने दूसरे से कहा कि यह बताने की जिम्मेदारी तुम्हारी है।
(ज) सभापति ने धीमे से कहा, “लेकिन बड़ी होशियारी से।
“प्रश्न 7. नाक मान-सम्मान व प्रतिष्ठा का द्योतक है। यह बात पूरी व्यंग्य रचना में किस तरह आई है? लिखिए।
उत्तर- यह पाठ व्यंग्य रचना है। नाक व्यक्ति की इज्जत प्रतिष्ठा का प्रतीक होता है। जॉर्ज पंचम की नाक कट जाने का तात्पर्य है उसकी इज्जत प्रतिष्ठा का नष्ट होना है। यह दोनों देशों के लिए कठिनाई एवं परेशानी का कारण बन गया।
ब्रिटिश साम्राज्य की प्रतिष्ठा और हिन्दुस्तान पर खतरे का प्रतीक बन गया। रूप से सच्चाई व्यक्त हुई है कि हिन्दुस्तान के नेताओं शहीदों व बच्चों की इज्जत प्रतिष्ठा हमारे लिए विदेशियों से बढ़कर कही ज्यादा ही है। उन्होंने हमारे देश पर कई दशकों तक राज्य किया लेकिन हमारे आत्मा पर भारत माता का शासन था, है और हमेशा रहेगा। यही कारण है कि उसके नाक जितना छोटे आकार का नाक नहीं मिला।
प्रश्न 8. जॉर्ज पंचम कि लाट पर किसी भी भारतीय नेता, यहाँ तक कि भारतीय बच्चों की नाक फिट न होने की बात से लेखक किस ओर संकेत करना चाहता है?
उत्तर- जॉर्ज पंचम की लाट पर किसी भी भारतीय नेता यहाँ तक कि भारतीय बच्चे की नाक फिट न होने की बात से लेखक यह संकेत करना चाहता है
कि हमारे देश के लिए शहीद हुए बच्चे और नेताओं की इज्जत सम्मान और प्रतिष्ठा विदेशी शासकों की तुलना में अत्यधिक है। क्रूर विदेशी शासकों को हम मान-सम्मान की दृष्टि से देखते। ऐसा सोचने मात्र से ही गुलामी की बदबू आती है।
प्रश्न 9. अखबारों ने जिंदा नाक लगाने की खबर को किस तरह प्रस्तुत किया ?
उत्तर- अखबारों ने जिन्दा नाक लगाने की खबर को इस तरह प्रस्तुत किया-“जॉर्ज पंचम के जिन्दा नाक लगाई गई है… यानी ऐसी नाक जो देखने में कतई पत्थर की नहीं लगती।
इसके अतिरिक्त और कोई खबर नहीं छपी जैसे सार्वजनिक सभा की, स्वागत समारोह की तथा उद्घाटन की यह नाक का विरोध करने का एक तरीका था।
प्रश्न 10. “नयी दिल्ली में सब था… सिर्फ नाक नहीं थी।” इस कथन के माध्यम से लेखक क्या कहना चाहता है?
उत्तर- इस कथन के माध्यम से लेखक यह कहना चाहता है कि भले ही दिल्ली में ब्रिटिश साम्राज्य का आधिपत्य था लेकिन इज्जत प्रतिष्ठा नहीं थी। भारतीयों ने उनकी इज्जत प्रतिष्ठा को मिट्टी में मिला दिया था।
प्रश्न 11. जॉर्ज पंचम की नाक लगने वाली खबर के दिन अखबार चुप क्यों थे?
उत्तर- जॉर्ज पंचम की नाक लगने वाली खबर के दिन अखबार चुप इसलिए थे क्योंकि उन्हें एक विदेशी जो जनता का शोषण करता था, शासक पर अपने देशवासी की जिन्दा नाक लगाना अच्छा नहीं लगा। वे इसका विरोध चुप रहकर अपने तरीके से कर रहे थे।
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जॉर्ज पंचम की नाक का प्रश्न उत्तर कक्षा 10th के कुछ अन्य प्रश्न
FAQ :
(1)जॉर्ज पंचम किलाट पर किसकी नाक लगाई गई? उत्तर : एक जिंदा आदमी कि नाक
(2) जॉर्ज पंचम की लाट कहाँ और किस जगह स्थित थी
उत्तर : दिल्ली के राजपथ पर और इण्डिया गेट के सामने
(3) जॉर्ज पंचम भारत कब आया था?
उत्तर: दिसंबर 1911 से जनवरी 1912 के बीच मे
(4) क्या जॉर्ज पंचम के पास तोता था?
उत्तर : हां,एक अफ्रिकी तोता था।