प्राकृति संसाधनों का प्रबंधन class 10 notes

हमारे चारों तरफ पाए जाने वाले वे सभी पदार्थ जिनका उपयोग हम अपनी दैनिक जीवन मे करते हैं उसे संसाधन कहते हैं 

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प्राकृति संसाधनों का प्रबंधन class 10 notes



Hellow दोस्तों तो आज के इस पोस्ट मे हम प्राकृति संसाधनों का प्रबंधन class 10 notes के बारे मे पढ़ेगे और इस पोस्ट से आपको काफी help मिलने वाली हैं तो समय को ज्यादा बर्बाद नहीं करते हुए चलिए शुरू करते हैं


इस पोस्ट पर पढ़े जाने वाले Topics :-

संसाधन

संसाधन के प्रकार

पर्यावरण समस्याएं 

प्राकृति संसाधनों का बचाव क्यो

संसाधन का दोहन

गंगा कार्य परियोजना

जल की गुणवता

पर्यावरण को बचाने के उपाय

संपोषित विकास

संपोषित विकास का उद्देश्य

जैव विविधता

तप्त स्थल

दावेदार

वनों के दावेदार

खेजरी वृक्ष

चिपको आंदोलन

बंगाल के वन विभाग

बाँध

बाँधो से लाभ

बाँधो से हानिया

जल संग्रहण

भौम जल के संरक्षण से लाभ

कोयला

पेट्रोलियम

जीवशम ईंधन से होने वाले हानि 


संसाधन 

हमारे चारों तरफ पाए जाने वाले सभी पदार्थ जिनका उपयोग हम अपने दैनिक जीवन में करते हैं, उसे संसाधन कहते हैं। 

संसाधन के प्रकार

संसाधन दो प्रकार के होते हैं
1) मानव निर्मित संसाधन
2) प्राकृतिक संसाधन

1) मानव निर्मित संसाधन

वैसे संसाधन जिसे मानव के द्वारा बनाया जाता है, उसे मानव निर्मित संसाधन कहते हैं।

2) प्राकृतिक संसाधन

 वैसे संसाधन जो प्रकृति के द्वारा प्राप्त या मिले हुए हैं, उसे प्राकृतिक संसाधन कहते  हैं। 

प्राकृतिक संसाधन दो प्रकार के होते हैं
a) समाप्तय संसाधन
b)  असमाप्तय संसाधन

a) समाप्तय संसाधन

वैसे प्राकृतिक संसाधन जो बहुत ही कम मात्रा में पाए जाते हैं जो भविष्य में समाप्त हो सकते हैं, उसे समाप्तय संसाधन कहते हैं। 

b) असमाप्तय संसाधन

वैसे प्राकृतिक संसाधन जो अधिक मात्रा में पाई जाती है और जो भविष्य में समाप्त नहीं हो सकते, उसे असमाप्तय संसाधन कहते हैं।
 

पर्यावरण समस्याएं

आज के समय में पर्यावरण की समस्या वैश्विक समस्या बन चुका है। और इसके समाधान के लिए कई प्रकार के अंतरराष्ट्रीय कानून भी बनाए गए हैं।

पर्यावरण को बचाने के उपाय

 प्राकृतिक संसाधन के बचाव के पीछे कई कारण है जो इस प्रकार है। 
1)यह बहुत ही कम मात्रा में मौजूद हैं 
2)जैव विविधता को बनाए रखने के लिए 
3)पारिस्थितिक तंत्र को नियंत्रित रखने के लिए 

संसाधन का दोहन

जब हम अधिक मात्रा में संसाधनों का अंधाधुंध उपयोग करते हैं तो इसका गहरा प्रभाव पड़ता है जिससे हमारा पर्यावरण को क्षति पहुंचता है।
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गंगा कार्य परियोजना

 गंगा की परियोजना में गंगा को साफ किया जाता है जिसमें करोड़ों रुपए का एक प्रोजेक्ट जिसे सन 1950 में बनाया गया है। 

जल की गुणवत्ता

जल की गुणवत्ता कुछ इस प्रकार है जो निम्नलिखित है। 1)जल में कोलीफॉर्म जीवाणु पाए जाते हैं जो जल को सदूषित होने से बचाते हैं।
2) पानी का ph जो आसानी से शार्व सूचक की मदद में मापा जा सकता है।

पर्यावरण को बचाने के उपाय

1) पुनः उपयोग
2) कम उपयोग 
3)पुनर्चक्रण 
4) पुनः प्रयोजन

संपोषित विकास

इस विकास की कल्पना मनुष्य की वर्तमान आवश्यकताओं की पूर्ति और विकास के साथ-साथ भावी संतति के लिए संसाधनों का संरक्षण भी करती है।


संपोषित विकास का उद्देश्य

संपोषित विकास का उद्देश्य इस प्रकार है। 
1)पर्यावरण संरक्षण के लिए 
2)आर्थिक विकास के बढ़ावा के लिए 
3)भावी पीढ़ियों के संसाधन का संरक्षण 
4)आवश्यकता की पूर्ति के लिए 
5)विकास के बढ़ावा के लिए 

जैव विविधता

किसी विशेष क्षेत्र में पाई जाने वाली विभिन्न स्पीशीज की संख्या को जैव विविधता कहते हैं। जैसे सरीसृप, जीवाणु की एक पक्षी इत्यादि 

तप्त स्थल

जिस स्थान पर अनेकों प्रकार की संप्रदाय पाई जाती है, उसे तप्त स्थल कहते हैं।

दावेदार

 वैसे लोग जिनका जीवन किसी कार्य या चीज पर निर्भर होते हैं, उसे दावेदार करते हैं। 

वनों के दावेदार

वनों के दावेदार इस प्रकार है 
1) स्थानीय लोग 
2)सरकार और वन विभाग 
3)वन उत्पादों पर निर्भर व्यवसाई 
5)वन और पर्यावरण प्रेमी

1) स्थानीय लोग
जो लोग जंगल या थी वन के निकट या इसके नजदीक रहते हैं वे पर निर्भर होते हैं।

2) सरकार और वन विभाग
सरकार और वन विभाग के पास से जंगल का अधिकार होता है और यही लोग जंगलों से प्राप्त संसाधनों पर नियंत्रण रखते हैं। 

3)वन उत्पादों पर निर्भर व्यवसाई
कुछ लोग वनों से प्राप्त होने वाले उत्पादों पर निर्भर होते हैं और इन्हीं के कारण इनकी आजीविका चलती है।

4) वन और पर्यावरण प्रेमी
पर्यावरण प्रेमियों के कारण ही प्रकृति का संरक्षण हो पाता है। 

खेजरी वृक्ष

यह एक प्रकार का बहुमूल्य वृक्ष होता है और इसी के बचाने के लिए एक बार अमृता देवी बिश्नोई ने 1731 में राजस्थान के जोधपुर के एक गांव में खेजरी वृक्षों को बचाने के लिए 363 लोगों के साथ अपने आप को बलिदान कर दिया था। 

भारत सरकार ने जीव संरक्षण के लिए अमृता देवी को राष्ट्रीय पुरस्कार देने की जोकि उनकी स्मृति में दिया गया था।

चिपको आंदोलन

 इस आंदोलन में महिलाओं के द्वारा कई सारे वृक्षों को बचाया गया हैं

 आंदोलन गढ़वाल के रेनी नाम के गांव में हुआ था जिसमें वहां की महिलाएं उसी समय में पहुंच गई। जब ठेकेदार के आदमी पेड़ को काटने आए थे और सभी महिलाओं ने इनका विरोध किया और पेड़ों को बचाने के लिए वृक्षों के साथ चिपक गए 

और यह आंदोलन तेजी के साथ अनेकों समुदाय में फैल गया और सरकार को वन संसाधनों के उपयोग के लिए प्राथमिकता निश्चित करने पर फिर से विचार करना पड़ा। 

बंगाल के वन विभाग

आराबाड़ी वन क्षेत्र में नया जीवन दिया जब पश्चिम बंगाल के वन विभाग ने इसकी संख्या कम हो गई थी।


बाँध

बाँध वैसा स्थान है जहां पर अत्यधिक मात्रा में जल को संग्रहित किया जाता है जिसका उपयोग सिंचाई तथा विद्युत उत्पादन में किया जाता है

 और कभी-कभी बड़ी-बड़ी नदियों के प्रवाह को नियंत्रित करने के लिए भी बांध बनाए जाते हैं। जैसे टिहरी बांध, रैंडम बांध, सरदार सरोवर, बांध इत्यादि 

बाँधो से लाभ

बांधों से कई प्रकार के लाभ होते हैं जो इस प्रकार है। 
1) विद्युत उत्पादन में 
2)विभिन्न क्षेत्रों में 
3)जल की पूर्ति के लिए 
4)सिंचाई के लिए नदियों के जल के प्रवाह को रोकने के लिए 

बाँधो से हानिया

बांध न होने कारण कई प्रकार की समस्याएं उत्पन्न होती है जो इस प्रकार है 
1)वनों की कमी 
2)जैव विविधता में कमी 
3)पर्यावरण संतुलन में अभाव 
4)बड़ी संख्या में किसान और आदिवासी लोगों का विस्थापित होना 
5)आर्थिक समस्याएं 

जल संग्रहण

किसी बड़ी जगह पर अत्यधिक मात्रा में किसी खास उद्देश्य से जल का जमा करना है। जल संग्रहण कहलाता है। 

भौम जल के संरक्षण से लाभ

1)जल का वाष्पीकरण नहीं होना, 
2)पौधों में नमी में वृद्धि 
3)कुएं में जल बढ़ना 

कोयला


कोयला एक प्रकार का नवीकरणीय प्राकृतिक संसाधन है, जिसे जीवासम ईंधन भी कहते हैं। 

निर्माण

आज से करीब 300 मिलियन वर्ष पहले पृथ्वी पर किसी प्राकृतिक घटना के कारण वनस्पति जीव जंतु भूमि के अंदर दब गए और उच्च ताप तथा दाब के कारण यह धीरे-धीरे कोयला में परिवर्तित हो गए 

पेट्रोलियम

पर्टोलियम भी एक प्रकार का प्राकृतिक संसाधन है।

निर्माण

 इसका निर्माण समुद्र में रहने वाले जीव जंतुओं के मृत अवशेषों के अपघटन के फलस्वरुप हुआ क्योंकि उच्च ताप और दाब के कारण यह जीव जंतु धीरे-धीरे पेट्रोलियम में बदल जाते हैं।

जीवशम ईंधन से होने वाले हानि 

1) वायु प्रदूषण 
2) विश्व उषणां
3)बीमारियां।

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निष्कर्ष

तो दोस्तों आज के इस पोस्ट मे हमने प्राकृति संसाधनों का प्रबंधन class 10 notes के बारे मे पढ़ा और मै आशा करता हु की आपको ये पोस्ट से आपकी काफी हद तक प्रश्नन का जवाब मिल चुका होगा और पोस्ट पर visit करने के लिए Thank You