अपने राष्ट्र के प्रति प्रेम की भावना, एकता कि भावना तथा एक समान चेतना को राष्ट्रवाद कहते हैं
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Hello, दोस्तों तो आज के इस पोस्ट पर हमने भारत मे राष्ट्रवाद class 10 in hindi notes के बारे मे बताया हैं जोकि आपके लिए काफी मदद होगी ये भारत मे राष्ट्रवाद NCERT वाला पोस्ट आपके ज्ञान मे इजाफा करेगा तो चलिए शुरू करते हैं…
इस पोस्ट पर के टॉपिक…
• भारत मे इन तारीखो का महत्व
• राष्ट्रवाद का परिभाषा
• भारत मे राष्ट्रवाद पनपने के कारक
• प्रथम विश्वयुध का भारत पर प्रभाव
• सत्याग्रह
• रॉलेट एक्ट
• रॉलेट एक्ट 1919
• जंलियाँवाला बाग हत्याकांड
• जंलियाँवाला बाग हत्याकांड का प्रभाव
• खिलाफत आंदोलन
• असहयोग आंदोलन
• असहयोग आंदोलन के कारण
• असहयोग आंदोलन के प्रस्ताव
• असहयोग आंदोलन की समाप्ति
• चौरी – चौरा घटना
• सविनय अवज्ञा आंदोलन
• साइमन कमिशन
• नमक यात्रा
• सविनय अवज्ञा आंदोलन मे ब्रिटिश सरकार की प्रतिक्रिया
• सविनय अवज्ञा आंदोलन कि विशेषता
• सविनय अवज्ञा आंदोलन मे महिलाओं कि भूमिका
• सविनय अवज्ञा आंदोलन कि सीमाएं
• 1932 कि पुनः संधि का प्रावधान
• सामूहिक अपनेपन की भावना
भारत मे इन तारीखो का महत्व
इन निम्न तरीको का महत्व काफी ज्यादा है भारत मे जो कुछ इस प्रकार हैं
•1857 में पहला स्वतंत्रता संग्राम हुआ।
•1870 ईस्वी में बकिम चंद्र द्वारा वंदे मातरम की रचना किया गया।
••कांग्रेस की स्थापना 1885 में हुआ और इसके प्रथम अध्यक्ष बकिम चंद्र बनर्जी थे।
•1905 में रविंद्र नाथ टैगोर ने भारत माता का चित्र बनाया था।
•1960 ईस्वी में कांग्रेस का विभाजन नरम दल तथा गरम दल में हुआ था।
•1904 में प्रथम विश्व युद्ध का आरंभ हुआ था।
•1916 ईस्वी में महात्मा गांधी अपने देश लौटे थे
•1917 ईस्वी में महात्मा गांधी ने बिहार के चंपारण में नील कृषि के विरोध में आंदोलन किया था।
•1918 ईस्वी में गांधीजी ने अहमदाबाद में सूती वस्त्र मिल के कारीगरों के लिए सत्याग्रह किया था।
•1919 ईस्वी में अंग्रेजी सरकार ने भारतीयों पर रोलेट एक्ट जैसा काला कानून दिया था।
•13 अप्रैल 1919 ईस्वी में जालियांवाला बाग हत्याकांड हुआ था।
• 1919 ईस्वी में ही खिलाफत आंदोलन की शुरुआत मुहम्मद अली व शौकत अली ने किया था।
•1922 ईस्वी में चौरी चौरा हत्याकांड के हिंसक घटना के बाद महात्मा गांधी जी ने असहयोग आंदोलन को वापस ले लिया था।
•1928 ईस्वी में साइमन कमीशन भारत आया था जिसके विरोध में लाला लाजपत राय की मृत्यु हुई।
•12 मार्च 1930 ईस्वी को गांधीजी ने साबरमती से दांडी यात्रा आरंभ किया था।
•6 अप्रैल 1930 को दांडी पहुंचकर महात्मा गांधी जी ने नमक कानून तोड़ा और सविनय अवज्ञा आंदोलन की शुरुआत किया।
•23 मार्च 1931 ईस्वी को भगत सिंह सुखदेव सिंह एवं राजगुरु को फांसी दे दी गई थी।
•1931 ईस्वी में गांधी जी ने डरविन समझौता किया और सविनय अवज्ञा आंदोलन को वापस लिया।
•1939 में द्वितीय विश्व युद्ध का आरंभ हुआ।
• 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन की शुरुआत हुआ और गांधीजी ने करो या मरो का नारा दिया।
•1945 में अमेरिका ने जापान पर परमाणु बम गिराया और द्वितीय विश्व युद्ध समाप्त किया।
•15 अगस्त, 1947 को भारत आजाद हुआ।
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राष्ट्रवाद का परिभाषा
अपने राष्ट्र के प्रति प्रेम की भावना, एकता कि भावना तथा एक समान चेतना को राष्ट्रवाद कहते हैं
राष्ट्रवाद का उदय यूरोप से हुआ था जहां राष्ट्र राज्यों के उदय से जुड़ा हुआ है।
भारत मे राष्ट्रवाद पनपने के कारक
इसके निमलिखित कारक इस प्रकार हैं।
1. भारतीय साहित्य लोक कथाएं, गीत तथा चित्रों के माध्यम से राष्ट्रवाद का प्रसार हुआ।
2.भारत माता की छवि रूप लेने लगी।
3.चिन्हों और प्रतीकों के प्रति जागरूकता के कारण जैसे झंडा
4.हमारे इतिहास का पुनर व्याख्या
प्रथम विश्वयुध का भारत पर प्रभाव
भारत पर पड़े प्रभाव इस प्रकार है।
1.) युद्ध के कारण रक्षा संबंधित खर्चे में बढ़ोतरी हुई खर्चे पूरा करने के लिए कर्ज लिए गए जिसके कारण टैक्स बढ़ाया गया।
2.) इनकम टैक्स को बढ़ाया गया युद्ध के दौरान चीजों की कीमतें बढ़ गई।
3.) 1913 से 1918 के बीच दाम दोगुने हो गए जिसके कारण आम आदमी की आर्थिक स्थिति खराब हो गई।
सत्याग्रह का परिभाषा
यह सत्य और अहिंसा पर आधारित एक आंदोलन था जिसकी शुरुआत 1918 ईस्वी में गांधी जी ने शुरु किया। उनका कहना था कि
” यदि कोई व्यक्ति सही मकसद के लिए लड़ रहा हो तो उसे अपने ऊपर अत्याचार करने वाले से लड़ने के लिए ताकत की जरूरत नहीं होती है। अहिंसा के माध्यम से भी लड़ाई जीती जा सकती है।”
रॉलेट एक्ट
इंस्पीरियगएल लेजिसलेटिव काउंसिल के द्वारा इसे सन् 1919 ईस्वी में भारतीय सदस्यों के बिना समर्थन के ही इसे भारत में लागू किया गया जिसका मुख्य उद्देश्य भारतीय राजनैतिक गतिविधियों को कुचलना था और इसके अनुसार बिना ट्रायल के ही राजनैतिक कैदियों को 2 साल तक बंदी बनाया जा सकता था ।
6 अप्रैल 1919 ईस्वी को रौलट एक्ट के विरोध में गांधी जी ने राष्ट्रीयव्यापी आंदोलन की शुरुआत की और हड़ताल पर बैठ गए। जिसका भारी समर्थन प्राप्त हुआ। अलग-अलग शहरों से लोग आए और समर्थन किया। दुकानें बंद हो गई और रेल कारखानों के मज़दूर हड़ताल पर चले गए।
जंलियाँवाला बाग हत्याकांड
10 अप्रैल 1919, ईस्वी को अमृतसर में पुलिस ने शांतिपूर्ण करने वाले प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाया, जिसके कारण जगह-जगह पर लोगों ने सरकारी संस्थानों पर आक्रमण किया। अमृतसर में मार्शल लॉ लागू किया गया और इसकी कमान जनरल डायर को सौंप दिया गया।
जालियांवाला बाग 13 अप्रैल को उस दिन हुआ जब पंजाब में बैसाखी मनाई जाती थी। ग्रामीण का एक समूह जालियांवाला बाग में लगे एक मेले में शामिल होने आया था यह बाग चारों तरफ से बंद था और निकलने का कोई रास्ता नहीं था और तभी जनरल डायर ने रास्ता बंद करवा कर भीड़ पर गोली चलवा दिया, जिसमें सैकड़ों लोगों की मौत हो गई जिससे चारों तरफ हिंसा फैल गया और गांधी जी ने आंदोलन वापस ले लिया क्योंकि वे हिंसा नहीं चाहते थे।
जंलियाँवाला बाग हत्याकांड का प्रभाव
इसका प्रभाव इस प्रकार है।
1.)भारतीय लोग सड़कों पर उतर आए।
2.)सरकारी इमारतों पर लोगों ने हमला बोल दिया। 3.)हड़ताल होने शुरू हो गई।
खिलाफत आंदोलन
खिलाफत शब्द खलीफा से निकला हुआ है जो ऑटोमन तुर्की का सम्राट होने के साथ-साथ इस्लामिक विश्व का नेता भी था।
रोलेट सत्याग्रह की असफलता के बाद से ही गांधी पूरे भारत में और भी ज्यादा आंदोलन करना चाहते थे।
उन्हें विश्वास था कि बिना हिंदू और मुस्लिम को एक दूसरे के समीप लाए ऐसा आंदोलन खड़ा नहीं हो सकता, इसलिए उन्होंने खिलाफत का मुद्दा उठाया।
असहयोग आंदोलन
गांधीजी ने अपनी पुस्तक स्वराज में लिखा कि भारत में अंग्रेजी अपना राज इसलिए स्थापित किए क्योंकि भारतीयों ने उनका सहयोग किए जिसके कारण उनका हुकूमत बन पाया। यदि भारतीय उनका सहयोग नहीं करते तो अंग्रेजी आज 1 साल के अंदर ही चरमरा जाती और स्वराज आ जाता।
असहयोग आंदोलन के कारण
1.प्रथम विश्वयुद्ध की समाप्ति पर अंग्रेजो के द्वारा भारतीय लोगों का शोषण करना
2.रोलेट एक्ट लागू होना
3.जालियांवाला बाग हत्याकांड
असहयोग आंदोलन के प्रस्ताव
1.)ग्रेजी सरकार द्वारा प्रदान की गई उपाधियों को वापस करना
2.)सिविल सेवा, पुलिस लग लेजिस्लेटिव काउंसलिंग स्कूल और सेना का बहिष्कार
3.)विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार
4.)यदि सरकार अपनी दमनकारी नीतियों से बाज नहीं आएगी तो संपूर्ण सविनय अवज्ञा आंदोलन शुरू करना
असहयोग आंदोलन की समाप्ति
चौरी चौरा के हिंसक घटना के बाद महात्मा गांधी जी ने फरवरी 1922 ईस्वी में असहयोग आंदोलन को वापस ले लिया।
चौरी चौरा घटना
यह घटना उत्तर प्रदेश के चौरी चौरा में हुआ था जिसमें फरवरी 1922 ईस्वी में जब गांधी जी ने नो टैक्स आंदोलन शुरू करने का फैसला किया तो बिना किसी उकसावे के प्रदर्शन में भाग ले रहे लोगों पर पुलिस ने गोली चला दी जिसके बाद लोग अपने गुस्से में आकर हिंसक हो गए और पुलिस स्टेशन पर हमला कर दिए और उसमें आग लगा दी।
1922 के अंत तक कई जगह पर आंदोलन हिंसक रूप लेने लगा था, जिसके कारण गांधी जी ने फरवरी 1922 ईस्वी में असहयोग आंदोलन को वापस ले लिया और कांग्रेस के कई नेता ने राज्यों के काउंसलिंग के चुनाव में हिस्सा लेना चाहते थे। उनका मानना था कि सिस्टम का भाग बनकर अंग्रेजी नीतियों का विरोध करना भी जरूरी है।
साइमन कमिशन
1927 ईस्वी में ब्रिटेन में साइमन कमीशन का गठन किया गया ताकि संवैधानिक व्यवस्था की कार्यशैली का अध्ययन किया जा सके।
जब इसे 1928 ईस्वी में साइमन कमीशन को भारत लाया गया तो भारत में इसका विरोध हुआ। कांग्रेस के नेताओं ने इसका विरोध किया क्योंकि इसमें एक भी भारतीय शामिल नहीं थे।
नमक यात्रा
जनवरी 1930 ईस्वी में महात्मा गांधी ने लोड डार्विन के समक्ष अपनी मांगे रखी जो इस प्रकार हैं।
1.)उनकी मांग उद्योगपतियों से लेकर किसान तक सभी के हक में था।
2.)इसमें सबसे बड़ी मांग नमक कर को समाप्त करने की थी,
3.)लेकिन डार्विन ने को भी मांग को मानने के लिए तैयार नहीं था और फिर 12 मार्च 1930 को महात्मा गांधी द्वारा नमक यात्रा की शुरुआत हुई।
सविनय अवज्ञा आंदोलन
6 अप्रैल 1930 को नमक बनाकर नमक कानून का उल्लंघन यह घटना सविनय अवज्ञा आंदोलन की शुरुआत थी
यह आंदोलन देश के विभिन्न हिस्सों में लागू हो गया और गांधीजी ने साबरमती आश्रम से दांडी तक अपने साथियों के साथ सविनय अवज्ञा आंदोलन शुरू की।
इस आंदोलन में सभी वर्ग के लोगों ने हिस्सा लिया। इस आंदोलन में देश के विभिन्न हिस्सों से नमक कानून का उल्लंघन किया गया। विदेशी सामानों का बहिष्कार किया गया तथा वन कानूनों का भी उलंघन किया गया
सविनय अवज्ञा आंदोलन मे ब्रिटिश सरकार की प्रतिक्रिया
1.कांग्रेसी नेताओं को हिरासत में लिया गया
2.महिलाओं और बच्चों की पिटाई लगभग 100000 लोगों की गिरफ्तारी
3.)गांधी जी को कैद कर लिया गया
सविनय अवज्ञा आंदोलन कि विशेषता
1.)इस बार लोगों को ना केवल अंग्रेजों का सहयोग न करें बल्कि औपनिवेशिक का कानूनों का उल्लंघन करने के लिए भी कहा गया।
2.)देश के विभिन्न जगहों पर हजारों लोगों ने नमक कानून का उल्लंघन किया।
3.)विदेशी वस्तुओं का बहिष्कार किया। इस सत्याग्रह में बहुत सी बड़ी संख्या में औरतों ने भाग लिया।
4.)गांधीजी की बातें सुनने के लिए हजारों औरतें यात्रा के दौरान घर से बाहर आ गए।
5.)कई महिलाएं जेल भी गए।
6.)ग्रामीण महिलाओं में राष्ट्र की सेवा को अपना पवित्र दायित्व माना।
सविनय अवज्ञा आंदोलन कि सीमाए
1.) इसमे अनुसूचित जातियों कि भागीदारी नहीं थी क्योंकि कांग्रेस इनके लाभो को अंदेखी करता था
2.) मुस्लिम संगठन द्वारा सविनय अवज्ञा के प्रति कोई खास उत्साह नहीं था क्योंकि 1920 के दशक में कांग्रेस हिंदू महासभा जैसे हिंदू धार्मिक संगठनों के करीब आने लगी थी।
3.)दोनों समुदायों के बीच संदेह और अविश्वास का माहौल बना हुआ था।
1932 कि पुनः संधि का प्रावधान
1932 की पुनः संधि का प्रावधान इससे अनुसूचित जनजातियों को प्रांतीय एवं केंद्रीय परिषदों में आरक्षित सीटें मिल गई।
सामूहिक अपनेपन की भावना
वैसे कारण जिसके कारण भारतीय लोगों में सामूहिक अपनेपन की भावना को उजागर किया गया जैसे
1.) चित्र व प्रतिक -:भारत माता की प्रथम छवि बंकिमचंद्र द्वारा बनाई गई जिससे राष्ट्र को पहचानने में मदद मिली।
2.) चिन्ह :-बंगाल में 1905 में स्वदेशी आंदोलन के द्वारा। एक तिरंगा जिसमें आठ कमल थे, लेकिन 1921 आने तक गांधी जी ने सफ़ेद हरा लाल रंग का तिरंगा तैयार किया।
3.) गीत :-1870 के दशक में बंकिम चंद्र ने यह गीत लिखा। मातृभूमि की प्रस्तुति के रूप में यह गीत बंगाल के स्वदेशी आंदोलन में खूब गाया गया।
आपने क्या सिखा :-
•1857 मे पहला संग्राम हुआ
• राष्ट्रवाद का मतलब अपने देश से प्यार करना
• भारत मे राष्ट्रवाद पनपने के कई कारण थे
• सत्याग्रह सत्य और अहिंसा पर आधारित था
• रौलेट एक्ट 1919 मे लागू हुआ था
• जंलियवाला हत्याकांड अमृतसर मे हुआ था
इन्हे जरूर पढ़े (खास आपके लिए)
ध्वनि class 9th notes
कार्य तथा ऊर्जा class 9 class
NOTES -: आज के इस post हमने भारत मे राष्ट्रवाद class 10 in hindi notes के बारे मे बताया हैं आशा करता हु की आपको ये पोस्ट जरूर पसंद आई होगी अगर आपको post पसंद आई हो तो इसे अपने दोस्तों के बीच जरूर share करे
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