तो helloooow दोस्तों, अगर आप भी क्लास 10th में हैं और आप भी google पर बस लखनवी अंदाज पाठ के प्रश्न उत्तर को ढूंढने आए है तो मैं आपकों बता दू की आप सही जगह पर पहुंच चुके हैं क्योंकि आज मैने इसी के बारे में बताया हैं तो चलिए शुरु करते हैं…..
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!अभ्यास के प्रश्न
प्रश्न 1. लेखक को नवाब साहब के किन हाव भावों से महसूस हुआ कि वे उनसे बातचीत करने के लिए तनिक भी उत्सुक नहीं हैं ?
उत्तर- ऐसा इसलिए लगा क्योंकि नवाब साहब डिब्बे में अकेले बैठे हुए थे। उनके सामने तौलिए पर दो खीरे रखे हुए थे ।
और जब लेखक ट्रेन के डिब्बे में आया तो उसे ऐसा लगा जैसे वे खीरे जैसे अपदार्थ को उनके सामने खाना नहीं चाहते या फिर अपना एकांत-चिंतन भंग नहीं करना चाहते। यह सब देखकर लेखक को लगा कि नवाब साहब उनसे बातचीत के लिए तनिक भी उत्सुक नहीं हैं।
प्रश्न 2. नवाब साहब ने बहुत ही यत्न से खीरा काटा, नमक मिर्च बुरका, अंततः सूँघकर ही खिड़की से बाहर फेंक दिया। उन्होंने ऐसा क्यों किया होगा ? उनका ऐसा करना उनके कैसे स्वभाव को इंगित करता है ?
उत्तर- नवाब साहब ने ऐसा अपनी झूठी शान शौकत प्रदर्शित करने के लिए किया होगा। ऐसा करना उनके बनावटी स्वभाव को इंगित करता है।
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प्रश्न 3. विना विचार, घटना और पात्रों के भी क्या कहानी लिखी जा सकती है? यशपाल के इस विचार से आप कहाँ तक सहमत हैं ?
उत्तर-नहीं,बिना घटना, कथ्य और पात्रों के केवल लेखक की कल्पना से कहानी नहीं हो सकती। क्योंकि किसी भी कहानी की रचना के लिए ये आधारभूत चीजे हैं। अतः हम यशपाल जी के कथन से असहमत हैं।
प्रश्न 4. आप इस निबंध को और क्या नाम देना चाहेंगे ?
उत्तर- झूठी नफासत, दिखावटी इंसान,
रचना और अभिव्यक्ति
प्रश्न 5. (क) नवाब साहब द्वारा खीरा खाने की तैयारी करने का एक चित्र प्रस्तुत किया गया है। इस पूरी प्रक्रिया को अपने शब्दों में व्यक्त कीजिए।
(ख) किन-किन चीजों का रसास्वादन करने के लिए आप किस प्रकार की तैयारी करते हैं ?
उत्तर- (क) नवाब साहब ने सबसे पहले खीरों के नीचे रखा तौलिया झाड़कर बिछा लिया। फिर सीट के नीचे से लोटा उठाकर दोनों खीरों को खिड़की से बाहर धोया और उसके बाद तौलिए से पोंछ लिया।
जेब से चाकू निकाला। फिर खीरों को बड़ी तसल्ली से छीलकर फाँकों को करीने से तौलिए पर सजाते गए। इसके बाद भली प्रकार खीरे की फाँकों पर जीरा-नमक और लाल मिर्च छिड़क दी। इस प्रकार नवाब साहब ने खीरे खाने की तैयारी की।
(ख) इसका उत्तर आप खुद लिखे।
प्रश्न 6. खीरे के संबंध में नवाब साहब के व्यवहार को उनकी सनक कहा जा सकता है। आपने नवाबों की और भी सनकों और शौक के बारे में पढ़ा-सुना होगा। किसी एक के बारे में लिखिए।
उत्तर- अपने शिक्षक को सुंदर लिखने, पढ़ने, परोपकार करने, धन संचय आदि करने की
सामाजिक- सांस्कृतिक आयोजनों में हिस्सा लेने की सनक हो तो ये उस प्रकार की सनक के सकारात्मक रूप हैं।
प्रश्न 7. क्या सनक का कोई सकारात्मक रूप हो सकता है ?यदि हाँ तो ऐसी सनकों का उल्लेख कीजिए।
उत्तर- हाँ कुछ ऐसे भी लोग होते है जो सबसे अलग करने का सनक रहता हैं, बाद में उनके सफल हो जाने या कुछ नया कर लेने पर उन्हें आदर मिलता है।
लखनवी अंदाज पाठ के प्रश्न उत्तर के कुछ अन्य प्रश्र
FAQ :
प्रश्न 1.)लखनवी अंदाज पाठ का क्या संदेश है उत्तर : इस पाठ से यह सीख मिलता है कि हमे अपने व्यवहार को इस दिखावटी दुनिया के विज्ञापन से दूर रखना चाहिए।
2.) नवाब साहब के पास कितने खीरे थे
उत्तर : नवाब साहब के पास दो खीरे थे
3.) खीरे को काटने से पहले नवाब साहब ने क्या किया?
उत्तर : खीरे को काटने से पहले नवाब साहब ने खीरों को धोकर तौलिए से पोछा, दोनों के सिर काटकर उनका झाग निकाला ।
4.) लेखक ने खीरा क्यों नही खाया?
उत्तर : अपने आत्मसम्मान कि रक्षा के लिए लेखक ने खीरा नहीं खाया।
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अंतिम शब्द
तो दोस्तों मैं आशा करता हूं की आपकों लखनवी अंदाज पाठ के प्रश्न उत्तर ठीक से मिल गए होंगे और कोई problem हो तो comment में ज़रूर बताएं।