तो दोस्तों अगर आप भी क्लास 10th के छात्र हैं और आप भी google पर केवल माता का आंचल पाठ का प्रश्न उत्तर ढूंढ रहे हैं तो आप बिलकुल ही सही जगह पर आए हैं क्योंकि आज हमने इसी के बारे में बताया हैं तो चलिए शुरु करते है
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माता का आंचल पाठ का प्रश्न उत्तर class 10th
अभ्यास के प्रश्न
प्रश्न 1. प्रस्तुत पाठ के आधार पर यह कहा जा सकता है कि बच्चे का अपने पिता से अधिक जुड़ाव था, फिर भी विपदा के समय वह पिता के पास न जाकर माँ की शरण लेता है। आपकी समझ से इसकी क्या वजह हो सकती है?
उत्तर- इस पाठ के आधार पर कहा जा सकता है कि बच्चे का अपने पिता से अधिक जुड़ाव था, क्योंकि उसका पिता ही उसे नहलवाता ,कपड़े पहनाता, खाना खिलाता, उसके साथ खेलता भी था। यहाँ तक कि बच्चा अपने पिता के साथ ही सोता था। बच्चा अपनी माँ के पास केवल दूध पीने ही आता था। लेकिन जब चूहे की बिल से साँप निकला तो उस साँप से डर कर वह बच्चा अपने पिता के पास न जाकर सीधे माँ की शरण में चला जाता है।
सच तो यह है कि बच्चा अपनी माँ के बिना अपने-आपको असुरक्षित, एवं अधूरा मानता है। माँ की गोद में जो आनंद और खुशियाँ मिलती हैं उसकी तुलना में पूरी दुनिया की तमाम खुशियाँ कुछ भी नहीं हैं बच्चा जो सुरक्षा, प्रेम और शांति अपनी माँ की गोद में महसूस करता है वैसा अनन्य कहीं नहीं महसूस कर सकता। मेरी समझ में यही वजह हो सकती है कि विपदा के समय वह बच्चा अपने पिता के पास न जाकर माँ की शरण लेता है।
प्रश्न 2. आपके विचार से भोलानाथ अपने साथियों को देखकर सिसकना क्यों भूल जाता है?
उत्तर : लेखक की माँ जब उसके सिर पर सरसों के तेल की मालिश करती, उसकी चोटी गूँथती तथा काजल का काला टीका लगाकर उसके पिता को दे देती। उस समय वह सिसकता हुआ अपने पिता की गोद से बाहर जाता था।
लेकिन घर से बाहर अपने साथ के छोटे बच्चों को खेलते-कूदते देखता था तो उसका चंचल व बालसुलभ मन उनके साथ खेलने के लिए मचल उठता था और वह सिसकना भूलकर खेलने लग जाता था।
प्रश्न.3 आपने देखा होगा कि भोलानाथ और उसके साथी जब तब खेलते-खाते समय किसी-न- किसी प्रकार की तुकबंदी करते हैं। आपको यदि अपने खेलों आदि से जुड़ी तुकबंदी याद हो तो लिखिए।
उत्तर- छुक छुक छुक-छुक , करती रेलगाड़ी आई, सबके चेहरे पर खुशियां लाई,रेल देख बच्चे पिछे गए, उसके पिछे एक बच्चो की रेल बनी, जिसे देखे कोई इंसान,वो भी हो जाय मंत्रमुग्ध,
प्रश्न 4. भोलानाथ और उसके साथियों के खेल और खेलने की सामग्री आपके खेल और खेलने की सामग्री से किस प्रकार भिन्न है?
उत्तर- भोलानाथ और उसके साथियों के खेल और खेलने की सामग्री- खेल में मिठाई की दुकान मिठाई की दुकान में मिट्टी के ढेलों के लड्डू, गीली मिट्टी की जलेबियाँ, फूटे घड़े के छोटे टुकड़े के बताशे, पत्तों की पूरी व कचौरियाँ, पानी का घी , जस्ते के टुकड़े के पैसे, मिट्टी के दीए का तराजू, की चीनी आदि।
बारात का खेल टीन के कनस्तर का डोल, आम के अमोले की शहनाई, टूटी हुई चूहेदानी की पालकी, समधी की सवारी बकरा, केलों व आम के पत्तों का सजा हुआ मंडप, ओघारे वाली दुल्हनिया, कुल्हिया का मंगल
कलश एवं धूल की ज्योनार हमारे खेल और खेलने को सामग्री-क्रिकेट बैट, गेंद और विकेट्स ,फुटबाल, रैकेट, चिड़िया और नेट।
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प्रश्न 5. पाठ में आए ऐसे प्रसंगों का वर्णन कीजिए जो आपके दिल को छू गए हों?
उत्तर- पाठ में आए निम्नलिखित प्रसंग है जो हमारे दिल को छू गए-
1. जब लेखक के पिताजी रामायण का पाठ करते हैं तभी लेखक दर्पण में अपना चेहरा देखता है। लेखक को ऐसा करते देख उसके पिताजी हँसते हैं तो लेखक लज्जित हो जाता है।
2. जब पिताजी लेखक के साथ कुश्ती लड़ते तथा उसे खुश करने के लिए खुद हार जाते थे।
लेखक उनकी छाती पर बैठकर दाढ़ी-मूंछ उखाड़ने लगता था तो पिताजी उसके कोमल और छोटे-छोटे हाथों को चूम लेते थे। प्यार भरी चुम्बन के वक्त अपनी दाढ़ी उसे चुभा देते थे।
3. जब टीले पर चूहे की बिल से साँप निकलता है तो उसके भय से भयभीत होकर बेतहाशा भागता हुआ बच्चा घर आता है, उस समय वह अपने पिता की आवाज को अनसुना करता हुआ सीधे अपनी माँ की गोद में चिपक जाता है।
प्रश्न 6. इस उपन्यास अंश में तीस के दशक की ग्राम्य संस्कृति का चित्रण है। आज की ग्रामीण संस्कृति में आपको किस तरह के परिवर्तन दिखाई देते हैं?
उत्तर- आज की ग्रामीण संस्कृति में बहुत ज्यादा परिवर्तन हुआ है। जैसे- संयुक्त परिवार विघटित हो गए हैं। विद्यालयों में अध्यापकों का प्रभाव कम हो गया है। विज्ञान ने नए-नए साधन प्रदान किए हैं। बच्चों के पालन-पोषण का तौर-तरीका परिवर्तित हो गया। मनोरंजन का साधन दूरदर्शन बन गया है। खेलों के नए नए उपकरणों का निर्माण हो गया है।
लोगों की धार्मिक भावनाओं में कमी हो गई है। पहले से कहीं ज्यादा संख्या मदीरापान करने वाले हो गए हैं।
प्रश्न 7. पाठ पढ़ते समय आपको भी अपने माता-पिता का लाड़-प्यार याद आ रहा होगा। अपनी इन भावनाओं को डायरी में अंकित कीजिए।
उत्तर- हमे इस पाठ को पढ़ करे अपने बचपन के कुछ ऐसे पल याद आ गए जिसे हमारी माता पिता हमे लाड़-प्यार में किया करते थे जैसे -सुबह सुबह प्यार से जगाना, स्नान कराना, प्यार में मुंह में खिलाना और स्कूल के लिए तैयार कराना,
प्रश्न 8. यहाँ माता-पिता का बच्चे के प्रति जो वात्सल्य व्यक्त हुआ है उसे अपने शब्दों में लिखिए।
उत्तर- माता-पिता अपने बच्चे की प्रगति एवं विकास के लिए हमेशा ही उनका लालन-पालन ठीक प्रकार करने का प्रयास करते हैं। माँ-बाप अपनी इच्छाओं को दमन कर उसके कल्याण के लिए सुख-सुविधा की वस्तु प्रदान करते हैं।
माँ अपने शिशु को दूध पिलाती है तथा उसे पौष्टिक आकार खिलाती है। वे स्वयं बच्चे बनकर बच्चे के संग खेलते हैं। पिता बच्चे को नहलाता है, खिलाता है, साथ ही पूजा पर बैठाता है तथा अपने पास सुलाता है। बाहर बच्चे को घुमाने ले जाता है।
बाग में पेड़ की डालों पर झूला झुलाता है। बच्चों के खेलों में रुि भी लेता है। माँ अपने बच्चे की मालिश करती है उसकी चोटी गूथती हैं तथा साफ-सुथरे व रंग-बिरंगे कपड़ पहना कर माथे पर नजर का काला टीका लगाती है।
बच्चे की चोट पर हल्दी आदि लगाती है और उसे रोते ही बहु प्यार से अपने आँचल में छुपाकर चुप कराने लगती है।
प्रश्न 9. माता का अँचल शीर्षक की उपयुक्तता बताते हुए कोई अन्य शीर्षक सुझाइए।
उत्तर- ‘माता का अँचल’ शीर्षक बिल्कुल सटीक एवं उचित है। पिता बच्चे को कितना ही लाड़-प्यार करे सुख-सुविधा प्रदान करे परन्तु पिता माँ जैसा पालन-पोषण व ममता प्रदान नहीं कर सकता।
इसीलिए बच्चे अपन माँ की गोद में सबसे अधिक सुरक्षित एवं सुखी अनुभव करते हैं। प्रस्तुत पाठ में साँप वाली घटना में वह बच्च अपने पिता की आवाज को अनसुना करके माँ के आँचल में रोता हुआ चिपक जाता है।
अन्य शीर्षक- ‘मेर बचपन’ या ‘बाल जीवन’ क्योंकि इस पाठ में एक बच्चे की सारी घटनाएँ बाल्यावस्था की हैं।
प्रश्न 10. बच्चे माता-पिता के प्रति अपने प्रेम को कैसे अभिव्यक्त करते हैं?
उत्तर- (1) माता-पिता के समीप रहकर
(2) माँ की गोद और पिता की गोद, पीठ तथा कंधे पर सवार होकर व उनके साथ खेल-कूद कर ।
(3) माता-पिता को अपनी रोचक वस्तुएँ दिखाकर
(4) अपने माता-पिता की आज्ञा का पालन कर
(5) एक अच्छा बच्चा बनकर ।
प्रश्न 11. इस पाठ में बच्चों की जो दुनिया रची हुई है वह आपके बचपन की दुनिया से किस तरह भिन्न है?
उत्तर- मेरा बचपन इस बच्चे के बचपन से बिलकुल भिन्न हैं क्योंकि हमारे बचपन में खेलने के लिए लकड़ी के खिलौने के जगह पर इलेक्ट्रानिक यंत्र हुआ करते थे हम खेलने के लिए बाहर नही जा पाते, हम पढ़ने के लिए पैदल नहीं बल्कि बस के द्धारा जाया करते थे और कई मायनों में हमारा बचपन भोलानाथ के बचपन से अलग हैं
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FAQ :
(1)माता का आँचल पाठ का मूल भाव क्या है
उत्तर: माता का आंचल पाठ से यह सीखने को मिलता है कि कैसे माँ अपने बच्चे को प्यार स्नेह करती है?
(2) माता का आँचल पाठ मे किसका चित्रण किया गया है?
उत्तर : इस पाठ में ग्रामीण जीवन का चित्रण किया गया है
(3) भोलानाथ के सिर मे क्या थी?
उत्तर – उसके सिर मे बहुत सारा सरसों का तेल
(4) माता का आँचल कौन सी विधा है
उत्तर-उपन्यास