प्रकृति में पृथ्वी पर ऊर्जा का मुख्य स्रोत क्या हैं ? || ऊर्जा के स्रोत क्या हैं || ऊर्जा के प्रकार ||

 हमारे प्रकृति में पृथ्वी पर ऊर्जा का मुख्य स्रोत सूर्य हैं क्योंकी हम अपनी लगभग सारी ऊर्जा प्राप्ति के लिए किसी न किसी रूप से सूर्य पर निर्भर रहते हैं 

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Hellow दोस्तों तो क्या आप भी google पर ढूंढ रहे हैं की प्रकृति में पृथ्वी पर ऊर्जा का मुख्य स्रोत क्या हैं तो आप बिल्कुल सही पोस्ट पर आ चुके हैं और मैंने इस पोस्ट पर प्रकृति में पृथ्वी पर ऊर्जा का मुख्य स्रोत के अलावा ऊर्जा के स्रोत क्या हैं और ऊर्जा के प्रकार को भी बताया हैं तो चलिए उसे शुरू करते है

इस पोस्ट पर पढ़े जाने वाले Topics :- 

• ऊर्जा क्या हैं 

•ऊर्जा के प्रकार 

•ऊर्जा के स्रोत

•प्रकृति में पृथ्वी पर ऊर्जा का मुख्य स्रोत क्या हैं 

•परिस्थिति तंत्र में ऊर्जा का प्रवाह

           ऊर्जा क्या हैं

कार्य करने की क्षमता को ऊर्जा कहते हैं। ऊर्जा का उपयोग विभिन्न तरीकों से किया जाता है। जैसे चलना, कूदना और किसी मशीन को संचालन करना इत्यादि।
मानव द्वारा उपयोग किए जाने वाले खाद्य पदार्थों में ऊर्जा होती है जो शरीर में जमा हो जाती है और हर एक बार जब हम किसी काम को करते हैं तो वह ऊर्जा के रूप में परिवर्तित हो जाता है और जो उर्जा संग्रहित रहता है उसे स्थितिज ऊर्जा जबकि कार्य सलूजा को गतिज ऊर्जा कहते हैं।
ऊर्जा क्या हैं

         ऊर्जा के प्रकार 

ऊर्जा के कई प्रकार होते हैं जिसमे कुछ इस तरह हैं 

1) गतिज ऊर्जा
2) स्थितिज ऊर्जा
3)यांत्रिक ऊर्जा
4)रासायनिक ऊर्जा
5)तापीय ऊर्जा
6)विद्युत ऊर्जा
7) गुरुत्वाकर्षण ऊर्जा 
8)ध्वनि ऊर्जा

1) गतिज ऊर्जा :- 

वैसे उर्जा जो किसी वस्तु के गति के कारण प्राप्त होती है, उसे गतिज ऊर्जा करते हैं और जिन वस्तुओं की गति उच्च होती है, उनकी गतिज ऊर्जा भी प्रबल होती है।

2) स्थितिज ऊर्जा :- 

वैसे उर्जा जो किसी वस्तु के विराम के कारण प्राप्त होती है उसे स्थितिज ऊर्जा कहते हैं।

3)यांत्रिक ऊर्जा :- 

यांत्रिक ऊर्जा वह ऊर्जा है जो किसी वस्तु को उसके मूल स्थान से आकार बदलने, स्थानांतरित करने या विस्थापित करने के लिए कार्य करता है। यानी यांत्रिक ऊर्जा, गतिज ऊर्जा और स्थितिज ऊर्जा का योग होता है जिनका उपयोग कार्य करने के लिए किया जाता है।

4)रासायनिक ऊर्जा :-

वैसे उर्जा जो परमाणुओं और अणुओं के रासायनिक बंधनों में निहित रहता है, उसे रासायनिक ऊर्जा कहते हैं। यह एक प्रकार का ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया भी होता है क्योंकि इसके परिणाम स्वरूप तापीय ऊर्जा का भी निर्माण होता है। भोजन एक प्रकार का रासायनिक ऊर्जा का एक प्रमुख उदाहरण है क्योंकि इसमें पाचन के दौरान भोजन टूटकर तापीय उर्जा उत्पन्न करता है।

5)तापीय ऊर्जा :- 

वैसे उर्जा जो किसी वस्तु के तापमान के फलस्वरूप उत्पन्न होती है, उसे तापीय ऊर्जा कहते हैं तथा जिस किसी भी पदार्थ का तापमान उच्च होता है, उसका तापीय उर्जा भी अधिक होता है।

6)विद्युत ऊर्जा :- 

वैसे उर्जा जो इलेक्ट्रॉनों के प्रवाह के कारण उत्पन्न होता है तो इस प्रकार की ऊर्जा को विद्युत ऊर्जा करते हैं।

7) गुरुत्वाकर्षण ऊर्जा :-

गुरुत्वाकर्षण ऊर्जा एक प्रकार का गतिज ऊर्जा होता है जो कि केवल वस्तु की ऊंचाई में ही संचित होती है और कोई वस्तु ऊंचाई से गिरती है तो इसके फलस्वरूप गुरुत्वाकर्षण ऊर्जा की उत्पत्ति होती है।

8)ध्वनि ऊर्जा :- 

वैसे उर्जा जो किसी वस्तु के कंपन करने के फलस्वरूप उत्पन्न होती है तो उसे ध्वनि ऊर्जा करते हैं। ध्वनि ऊर्जा को पास्कल और डेसीबल से मापा जाता है।

          ऊर्जा के स्रोत

जहां से भी ऊर्जा प्राप्त होती है उसे ऊर्जा स्रोत कहते हैं। जैसे जलता हुआ कोयला, परमाणु प्रतिक्रियाएं, पेट्रोलियम इत्यादि।
पृथ्वी पर ऊर्जा का मुख्य स्रोत सूर्य हैं और पृथ्वी पर मौजूद सभी जीवो को अपनी सारी क्रियाओं को पूरा करने के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है जो किसी न किसी रूप से सूर्य पर निर्भर करती है। यानी प्रकृति में पृथ्वी पर ऊर्जा का मुख्य स्रोत सूर्य है।

ऊर्जा के स्रोत को दो आधारों पर बाँटा गया हैं 

1) उत्पति के आधार पर
2) उपयोग के आधार पर

1) उत्पति के आधार पर :- 

उत्पति के आधार पर ऊर्जा के स्रोत दो प्रकार के होते हैं

a) नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत
b) अनवीकरणीय ऊर्जा स्रोत

a) नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत :- 

वैसे ऊर्जा स्रोत जो भविष्य में कभी भी समाप्त नहीं होगा यानी इनका उपयोग बार-बार किया जा सकता है। उसे नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत कहते हैं। जैसे पवन ऊर्जा, सौर
 ऊर्जा, भूतापीय ऊर्जा इत्यादि।

b) अनवीकरणीय ऊर्जा स्रोत :- 

वैसे ऊर्जा स्रोत जो भविष्य में किसी न किसी दिन समाप्त हो जाएंगे यानी इनका दोबारा उपयोग नहीं किया जा सकता। उसे अनवीकरणीय ऊर्जा स्रोत करते हैं। जैसे पेट्रोलियम, कोयला, प्राकृतिक गैस, परमाणु, ऊर्जा इत्यादि।

2) उपयोग के आधार पर :- 

उपयोग के आधार पर ऊर्जा के स्रोत को दो भागों में बाँटा
गया हैं 

a) परंपरागत ऊर्जा स्रोत
b) गैरपरंपरागत ऊर्जा स्रोत

a) परंपरागत ऊर्जा स्रोत :- 

वैसे ऊर्जा के स्रोत जिनका उपयोग परंपरागत तरीके से प्रारंभ से किया जा रहा है, उसे परंपरागत ऊर्जा स्त्रोत करते हैं। जैसे लकड़ी, कोयला, पेट्रोलियम इत्यादि

b) गैरपरंपरागत ऊर्जा स्रोत :- 

वैसे ऊर्जा के स्रोत जिनका उपयोग शुरू से नहीं किया जा रहा है, जिनका निर्माण आधुनिक तरीके से करके शुरू किया जा रहा है। उसे गैर परंपरागत ऊर्जा स्रोत करते हैं। जैसे पवन ऊर्जा, बायोगैस, परमाणु, ऊर्जा इत्यादि।

प्रकृति में पृथ्वी पर ऊर्जा का मुख्य स्रोत क्या हैं :- 

हमारे प्रकृति में पृथ्वी पर ऊर्जा का मुख्य स्रोत सूर्य है क्योंकि हम अपनी लगभग सारी ऊर्जा प्राप्ति के लिए किसी न किसी रूप से सूर्य पर निर्भर रहते हैं 
और सूर्य के द्वारा हम प्रत्यक्ष रूप से ऊष्मा और प्रकाश प्रदान करते हैं। जबकि पृथ्वी पर हमें किसी भी स्रोत से ऊर्जा नहीं मिलती। हम केवल ऊर्जा के एक रूप को दूसरे रूप में परिवर्तित करते हैं। इसलिए प्रकृति में पृथ्वी पर ऊर्जा का मुख्य स्रोत सूर्य है।

पारिस्थितिक तंत्र में ऊर्जा का प्रवाह :- 

पृथ्वी पर मौजूद सभी जीवो को अपने जीवन का निर्वहन करने के लिए ऊर्जा की आवश्यकता पड़ती है और हमारे पृथ्वी पर ऊर्जा का प्रमुख स्रोत सूर्य का प्रकाश है
 और जब सूर्य का प्रकाश हमारे वायुमंडल से गुजरता है तो वायुमंडल के द्वारा 20% किरणों को अवशोषित कर लिया जाता है तथा 50% ऊष्मा के बीच के रूप में पृथ्वी के धरातल के द्वारा अवशोषित किया जाता है। शेष बचा 30% प्रकाश को धरती की वायु में उपस्थित धूल के कारण एवं आकाश में मौजूद बादल परावर्तित कर देता है।
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