रासायनिक संयोजन क्या है ।।रासायनिक संयोजन के कितने नियम हैं।। रासायनिक संयोजन का नियम किसने दिया ।।

                               जब दो या दो से अधिक तत्व आपस में संयोग करके नए पदार्थ का निर्माण करते हैं तो वह कुछ नियम का पालन करते हैं। उन्ही नियम को रासायनिक संयोजन का नियम कहते हैं।

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सारांश :-                                                        आज के इस post पर  हम रासायनिक संयोजन क्या है और रासायनिक संयोजन के कितने नियम होते है और उनके खोजकर्ता के बारे में पूर्ण अध्यनन करने वाले है तो चलिए शुरू करते है 

●इस पोस्ट पर पढ़े जाने वाले Topics इस प्रकार है 

●रासायनिक संयोजन क्या है 

●रासायनिक संयोजन के नियम कितने है 

●द्रव्यमान संरक्षण का नियम

●स्थिर अनुपात का नियम

●गुणित अनुपात का नियम 

●व्युत्क्रम अनुपात का नियम

●गैसीय आयतन का नियम 

●एवोगाद्रो का नियम 

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रासायनिक संयोजन का नियम :-

                                जब दो या दो से अधिक तत्व आपस में संयोग करके नए पदार्थ का निर्माण करते हैं तो वह कुछ नियम का पालन करते हैं। उन्ही नियम को रासायनिक संयोजन का नियम कहते हैं।

रासायनिक संयोजन के कितने नियम है :-

                                        रासायनिक संयोजन के नियम छः होते है जो इस प्रकार है 

1)द्रव्यमान संरक्षण का नियम

2)स्थिर अनुपात का नियम

3)गुणित अनुपात का नियम 

4)व्युत्क्रम अनुपात का नियम

5)गैसीय आयतन का नियम 

6)एवोगाद्रो का नियम 

1द्रव्यमान संरक्षण का नियम :- 

इस नियम को सबसे पहले एनटॉयन लवाएजे ने साल 1774 ई0 में खोज किया था। इस नियम के अनुसार “किसी रासायनिक अभिक्रिया में भाग लेने वाले अभिकारक और अभिक्रिया के फल स्वरुप बना उत्पाद की द्रव्यमान संरक्षित रहता है।”

                                            यानी अभिक्रिया से पहले और अभिक्रिया के बाद का द्रव्यमान का ना तो निर्माण होता है और ना ही विनाश होता है।

           किसी भी रासायनिक क्रिया के द्वारा पदार्थ के रूप को बदला जा सकता है किंतु इसके अस्तित्व को नहीं बदला और ना ही विनाश किया जा सकता है। इसलिए इसे पदार्थ का अविनाशिता का नियम भी कहते हैं।

2)स्थिर अनुपात का नियम :-

इस नियम को फ्रांस के वैज्ञानिक जॉसेफ प्रॉउस्टर ने सन 1799 ई0 में प्रतिपादित किया था। इस नियम के अनुसार “किसी भी द्रव्य में पाए जाने वाले तत्व का अनुपात सदैव निश्चित होता है। चाहे वह पदार्थ कहीं का भी क्यों ना हो इसलिए इसे स्थिर अनुपात का नियम कहते हैं।”


3)गुणित अनुपात का नियम :-

                             इस नियम को सन 1804 ई0 में जॉन डाल्टन ने बताया था। इस नियम के अनुसार “जब दो तत्व आपस में सनयोजित होकर एक या एक से अधिक यौगिकों का निर्माण करते हैं तो एक तत्व की मात्रा निश्चित होती है किंतु दूसरे तत्व की मात्रा गुणात्मक रूप में प्रदर्शित होती है।”

            

                  यानी एक तत्व के निश्चित मात्रा के साथ दूसरे तत्व की मात्रा गुणा के रूप में होती है। इसलिए इसे गुणित अनुपात का नियम कहते हैं।

  

         जब यौगिकों में पाए जाने वाले तत्व में से एक तत्व की मात्रा निश्चित होती है तो दूसरे तत्व की मात्रा 2गुना, 3गुना या 4गुना भी हो सकती है।

4)व्युत्क्रम अनुपात का नियम :- 

इस नियम को सन 1992 ई0 में रिचर द्वारा दिया गया था। इस नियम के अनुसार “जब तीन तत्वों को आपस में रासायनिक अभिक्रिया कराया जाता है तो एक तत्व की मात्रा निश्चित होती है और अन्य दो तत्वों की मात्रा  अनिश्चित होती है और जब निश्चित तत्व की मात्रा उन दोनों  तत्व के साथ जुड़ जाती है तो उनकी मात्रा का अनुपात वही रहता है जो पहले  था”


                           यानी जब निश्चित मात्रा वाला दो तत्व अलग-अलग मात्रा वाले तत्वों के साथ मिलकर क्रिया करता है तो दोनों तत्व एक निश्चित अनुपात वाले तत्वों के साथ संयोजित हो जाता है। लेकिन दोनों अलग-अलग मात्रा वाले तत्व आपस में क्रिया करेंगे तो उनके बीच पुराना अनुपात वही रहेगा।

5)गैसीय आयतन का नियम :-

इस नियम को सन 1808 ई0 में लास्साक द्वारा दिया गया था। इस नियम के अनुसार “जब गैस एक निश्चित दाब तथा ताप पर आपस में अभिक्रिया करती है तो उनके बीच आयतन का अनुपात सरल अवस्था में रहती है तथा अभिक्रिया से बनने वाली नई गैस का अनुपात भी सरल स्थिति में ही रहता है।”


           यानी जब किसी पदार्थ पर निश्चित दाब और ताप पर परिवर्तन लाया जाता है तो पदार्थ के आयतन में परिवर्तन आता है और एक या उससे अधिक गैसों के आपस में क्रिया करने पर बनी नई गैस में ताप और दाब समान रहता है तो उनका आयतन भी सरल अनुपात में ही रहता है।

6) एवोगाद्रो का नियम :-

इस नियम के अनुसार “जब निश्चित आयतन वाले दो या दो से अधिक अलग-अलग गैसों को रखा जाता है तो उन में पाए जाने वाला अणुओं की संख्या समान होती है।”


 यानी अलग-अलग गैसों को एक निश्चित ताप और दाब देने पर उनके अणुओं की मात्रा भी समान रहती है, लेकिन उन गैसों का आयतन समान होना चाहिए।

रासायनिक संयोजन क्या है

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आपने क्या सीखा :- 
●जब दो या दो से अधिक तत्व अभिक्रिया करके नए तत्व का निर्माण करते है तो वे कुछ नियम का पालन करते है 
●रासायनिक संयोजन के छः नियम होते है 
●सभी नियम के खोजकर्ता अलग -अलग है 
●सभी नियम को अलग-अलग साल में प्रतिपादित किया गया है 
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