सारांश :-hellow दोस्तों तो आज के इस पोस्ट पर हम मिश्रण को पृथक करने वाले विधि को पढ़ेंगे ।साथ मे इसके प्रक्रिया को भी पूरी तरीके से समझेंगे ।
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!इस post पर के टॉपिक इस प्रकार है :-
●क्रिस्टलीय विधि
●आसवन विधि
●प्रभाजी आसवन विधि
●भाप आसवन विधि
●भंजक आसवन विधि
●उर्ध्वपातन
●चुम्बकीय पृथक्करण
◆ मिश्रण को पृथक करने की विधि :-
मिश्रण में पाए जाने वाले घटकों या अवयव को अलग अलग करने की विधि को मिश्रण का पृथक्करण कहते है
मिश्रण को पृथक करने की कुछ विधि इस प्रकार है :
1)क्रिस्टलीय विधि
2)आसवन विधि
3)प्रभाजी आसवन विधि
4)भाप आसवन विधि
5)भंजक आसवन विधि
6)उर्ध्वपातन
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• रासायनिक संयोजन का नियम क्या हैं
1)क्रिस्टलीय विधि :-
इस विधि के द्वारा अकार्बनिक ठोसों में पाए जाने वाले घटकों को अलग किया जाता है।
सबसे पहले अशुद्ध ठोस उचित विलायक में मिलाकर गर्म किया जाता है और गर्म अवस्था में ही इस विलयन को फनल द्वारा छाना जाता है।
तब छानने के बाद विलयन को ठंडा किया जाता है और ठंडा होने के बाद शुद्ध पदार्थ क्रिस्टल के रूप में अलग हो जाते हैं तथा इस में उपस्थित अशुद घटक द्रव में ही रह जाते हैं।
2) आसवन विधि :-
जब दो द्रवों के क्वथनांक में अधिक अंतर होता है तो उसके मिश्रण को अलग करने के लिए आसवन विधि का उपयोग किया जाता है।
आसवन विधि के तीन प्रकार होते है
a)प्रभाजी आसवन विधि
b)भाप आसवन विधि
c)भंजक आसवन विधि
a)प्रभाजी आसवन विधि
इस विधि का प्रयोग वैसे द्रवों को पृथक करने के लिए किया जाता है जिसका क्वथनांक कम होता है। यानी 40 डिग्री सेल्सियस से कम क्वथनांक वाले मिश्रणों को इस विधि से पृथक किया जाता है।
जैसे:- पेट्रोलियम से पेट्रोल, डीजल मिट्टी का तेल इत्यादि को इस विधि से अलग किया जाता है।
b)भाप आसवन विधि
भाप आसवन से वैसे कार्बनिक पदार्थों को पृथक किया जाता है जो जल में घुलनशील परंतु भाप के साथ वाष्पीकृत होते हैं।
एसीटोन मैथिल अल्कोहल जैसे मित्र गणों को भाप आसवन विधि द्वारा पृथक किया जाता है।
c)भंजक विधि :-
इस विधि में कार्बनिक पदार्थों को हवा की अनुपस्थिति या कम आक्सीजन की उपस्थिति में पृथक किया जाता है।
कोक,कोयला गैस , कोलतार तथा अमोनिया जैसे को पृथक इस विधि से किया जाता है।
3)उर्ध्वपातन :-
जब कुछ ठोस को गर्म किया जाता है तो वह द्रव में बदले बिना ही सीधे गैस अवस्था में परिवर्तित हो जाता है तो इस विधि उर्ध्वपातन को विधि कहते हैं।
4)चुम्बकीय पृथक्करण :-
इस विधि के द्वारा चुंबकीय पदार्थों को अलग किया जाता है।
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●आपने क्या सीखा:-
1)मिश्रण को पृथक्करण करने की कई विधियां होती हैं जिसमे से यँहा हमने कुछ पढ़ा
2)क्रिस्टलीय विधि से कुछ मिश्रणों की अलग किया जाता है ।
3)आसवन विधि के तीन प्रकार होते है जिसमे प्रभाजी आसवन विधि ,भाप आसवन विधि और भंजक आसवन विधि आते है ।
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