कोलाइडी विलयन क्या है ।। कोलाइडी विलयन के गुण।। कोलाइड के प्रकार।।

                                                यह  एक प्रकार का विषमांगी मिश्रण होता है जिसके कण विलयन में समान रूप से फैले होते है इनके कणों के आकार में 1nm से 1000nm के बीच मे होता है ।

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सारांश:-

      आज के इस पोस्ट पर हम कोलाईडी विलयन क्या है और कोलाईडी विलयन के गुण क्या होते है साथ मे कोलाईडी विलयन के प्रकार को पढेंगे तो चलिए बिना देरी के शुरू करते है ।

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इस पोस्ट पर पढ़े जाने वाले Topics इस प्रकार है :-

1.कोलाईडी विलयन

2.कोलाईडी विलयन के गुण

3.कोलाईडी विलयन की प्रवस्थायें

4.परिक्षिप्त अवस्था

5.परिक्षेपण माध्यम

6.कोलाईडी कणों के वर्गीकरण 

7.द्रवस्नेही 

8.द्रवविरागी

9.बहुआंविक कोलाईडी

10.वृहत आण्विक कोलाईडी

11.संयोजित कोलाईडी


●कोलाईडी क्या है ?

यह  एक प्रकार का विषमांगी मिश्रण होता है जिसके कण विलयन में समान रूप से फैले होते है इनके कणों के आकार में 1nm से 1000nm के बीच मे होता है ।


कोलाइडी विलयन के कणों का आकार अपेक्षाकृत बड़ा होता है। इन्हें कोलाइडी कण जाता है। इनके कारणों को नग्न आंखों द्वारा नहीं देखा जा सकता है। इनके कणों को देखने के लिए सूक्ष्मदर्शी की जरूरत पड़ती है।

 जैसे गोंद,स्याही,रक्त ,पेस्ट इत्यादि।

        


●कोलाईडी कणों के गुणधर्म:-

कोलाईडी कणों का गुणधर्म इस प्रकार है 

1)यह एक प्रकार का विषमांगी मिश्रण है।

2) इनके कणों को नग्न आंखो द्वारा नहीं देखा जा सकता है। 

3)इनके कणों को स्थान छोड़ने पर पली में बैठ जाते हैं। 

4)इनके कणों को छानन विधि द्वारा पृथक नहीं किया जा सकता है।


परिक्षीपित अवस्था 

वह अवस्था जिसमें कोलाइडी कणों का निर्माण होता है, उसे परीक्षिप्त अवस्था कहते हैं।


●परिक्षेपण माध्यम

                 वह माध्यम जिसमें विलायक कोलाईडी कण में वितरित रहते हैं, उसे परिक्षेपण माध्यम कहते हैं।


कोलाईडी कणों के वर्गीकरण 

कोलाईडी कणों को निम्न आधारों पर बांटा गया है जो इस प्रकार है ।


1)परिक्षिप्त प्रावस्था और परिक्षेपण माध्यम

2)परिक्षेपित प्रावस्था और परिक्षेपण माध्यम के बीच अन्योनय माध्यम के आधार पर 

3)परिक्षेपित प्रावस्था के कणों के आधार पर 



1)परिक्षिप्त प्रावस्था और परिक्षेपण माध्यम :-

इस आधार पर कोलाइडी विलयन  ठोस, द्रव और गैस के आधार पर कुल आठ प्रकार के कोलाइडी विलयन हो सकते है 

कोलाइडी विलयन क्या है



2)परिक्षेपित प्रावस्था और परिक्षेपण माध्यम के बीच अन्योनय माध्यम के आधार पर :-

इस आधार पर कोलाईडी विलयन दो प्रकार के होते है 

a)द्रवस्नेही

b)द्रवविरागी


a)द्रवस्नेही :-

वैसे विलयन जो परिक्षेपण माध्यम में मिलने से तुरंत कोलाइडी विलियन बनाते हैं। उसे द्रवस्नेही विलयन कहते हैं।

 जैसे:- स्टार्च, गोंद इत्यादि 


                                         इस प्रकार के विलयन में से  परिक्षेपण माध्यम को अलग कर देते हैं तो ठोस प्राप्त होता है जिसे फिर से परिक्षेपण माध्यम में लाने से कोलाइडी विलयन बनाया जा सकता है। इसलिए इसे उत्क्रमणीय कोलाइडी भी कहते हैं।


b )द्रवविरागी :-

वैसे विलयन जो परिक्षेपण माध्यम में मिलने पर आसानी से कोलाइडी विलियन नहीं बना पाते, उसे द्रवविरागी कहते हैं 

जैसे :- गोल्ड, सल्फाइड, सिल्वर इत्यादि।



3)परिक्षेपित प्रावस्था के कणों के आधार पर :-

इस आधार पर कोलाईडी कणों को तीन भागों में बांटा गया है 


a)बहुआंविक कोलाईडी 

b)वृहत आण्विक कोलाईडी 

c) संयोजित कोलाईडी 


a)बहुआंविक कोलाईडी :-

वैसे कोलाइडी विलयन जिसमें किसी पदार्थ के बहुत सारे कण या परमाणु जमा होकर एक विलयन बनाते हैं, उसे बहूआणविक कोलाइडी कहते हैं।


b)वृहत आण्विक :- 

वैसे कोलाइडी विलयन जिसमें पर्रिक्षित प्रावस्था के कण कोलाइडी कणों के आकार से बड़े होते हैं, उसे बृहद आण्विक कोलाइडी कहते हैं।


c)संयोजित कोलाईडी :-

वैसे पदार्थ जो एक निम्न सांद्रता पर विद्युत अपघट्य की तरह जबकि उच्च सांद्रता पर कोलाइडी कणों की तरह व्यवहार करते हैं, उसे सनयोजित कोलाइडी कहते हैं।

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आपने क्या सीखा :-

कोलाईडी कणों के आकार 1nm से 1000 nm के बीच मे होता है 

●कोलाईडी कणों को नग्न आंखों द्वारा नही देखा जा सकता है 

●यह एक प्रकार का विसमांगी मिश्रण है