दो या दो से अधिक पदार्थो के समांगी मिश्रण को विलयन कहते है। जैसे :सोडा जल ,नींबू जल आदि ।
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सारांश:-
आज के इस blog post पर हम विलयन किसे कहते है के बारे में बताया है और यह भी बताया है कि विलयन के गुण कितने होते है तब उसके बाद विलयन के प्रकार को विस्तारपूर्वक बताया है अगर आप इन सभी को जानना चाहते हैं तो इस post को end तक जरूर देखें।
इस post पर के Topics इस प्रकार है :-
●विलयन
●विलयन के घटक
●विलेय
●विलायक
●विलयन के गुण
●विलयन के प्रकार
●तनु विलयन
●सांद्र विलयन
●संतृप्त विलयन
●असंतृप्त विलयन
●अतिसंतृप्त
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●विलयन
दो या दो से अधिक पदार्थो के समांगी मिश्रण को विलयन कहते है। जैसे :सोडा जल ,नींबू जल आदि।
विलयन ऐसे तरल होते हैं जो ठोस द्रव और गैस तीनों रूपों में पाए जाते हैं जिसमें ठोस विलयन मिश्र धातु के रूप में और गैसीय विलयन वायु के रूप में पाए जाते हैं।
तथा विलयन के कणों में समांगिता होती है। यानी नींबू के जल का स्वाद हमेशा समान होता है। इसमें न चीनी की मात्रा का ज्यादा पता चलता है और ना ही नमक की मात्रा का दोनों के कण समान रुप में फैले होते हैं।
कुछ और विलयन के उदाहरण:-
जल में ग्लूकोज का मिश्रण, ऑक्सीजन और नाइट्रोजन का मिश्रण, तांबे और सोने का मिश्रण, क्लोरोफॉर्म और नाइट्रोजन गैस का मिश्रण तथा पारा और सोडियम का मिश्रण।
●विलयन के घटक :-
विलयन के दो घटक होते है जो इस प्रकार होते है
a)विलेय
b)विलायक
a)विलेय :-विलियन का वह भाग जो विलियन में घुलता है उसे विलेय कहते है।
जैसे :-यदि हम नमक और पानी का विलयन बनाते हैं तो इसमें नमक विलेय हैं क्योंकि हमने परिभाषा में बता चुका है कि जो भाग विलयन में घुलता है उसे विलेय कहते हैं
और नमक तथा पानी के विलयन में नमक पानी में घुल जाता है। इसलिए नमक विलेय हैं।
b)विलायक :-विलयन का वह भाग जो किसी पदार्थ को घूलने का कार्य करता है, उसे विलायक कहते हैं। इसकी मात्रा विलयन में सबसे अधिक होता है।
●विलयन का गुण :-
विलयन का गुण इस प्रकार निम्नलिखित है
1.विलयन के कणों का आकार 10^-7 से 10^-8 तक होता है।
2.विलेय के घटकों यानी विलेय और विलायक को भौतिक विधि द्वारा अलग नहीं किया जा सकता।
3.विलयन के कुछ गुण इनके संगठन के साथ साथ बदलते रहते हैं।
4.विलयन एक प्रकार का समांगी मिश्रण है।
●विलयन के प्रकार :-
1.विलयन के मात्रा के आधार पर
2.विलयन के भौतिक अवस्था के आधार पर
1.विलयन के मात्रा के आधार पर :-
विलयन के मात्रा के आधार पर विलयन पाँच प्रकार के होते है ।
a)तनु विलयन
b)सांद्र विलयन
c)संतृप्त विलयन
d)असंतृप्त विलयन
e)अतिसंतृप्त विलयन
a)तनु विलयन :-जिस विलयन में विलय की मात्रा विलायक की तुलना में बहुत कम होती है उसे तनु विलियन कहते हैं।
b)सांद्र विलयन :-जिस विलयन में विलय की मात्रा विलायक की तुलना में अधिक होती है, उसे सांद्र विलयन कहते हैं।
c)संतृप्त विलयन :- विलेय पदार्थ की वह मात्रा जिसे निश्चित तापमान पर सौ ग्राम विलायक में घोला जा सके, उस विलयन को संतृप्त विलियन कहते हैं।
d)असंतृप्त विलयन :-वैसा विलयन जिसमें एक निश्चित तापमान पर विलेय को और अधिक मात्रा में घोला जा सके। उसे असंतृप्त विलयन कहते हैं।
e)अतिसंतृप्त विलयन :- वैसा विलयन जिसमें एक निश्चित तापमान पर संतृप्त विलियन के लिए आवश्यक मात्रा में अधिक मात्रा में विलेय पदार्थ उपस्थित हो उसे अतिसंतृप्त विलयन कहते हैं।
2.विलयन के भौतिक अवस्था के आधार पर :-
इस आधार पर विलयन तीन प्रकार के होते है
a)गैसीय विलयन
b)द्रवीय विलयन
c)ठोस विलयन
a)गैसीय विलयन :-वैसा विलयन जिसमें दो या दो से अधिक गैस उपस्थित हो उसे गैसीय विलयन कहते हैं।
b)द्रवीय विलयन :- वैसा विलयन जिसमें ठोस,द्रव या गैस को द्रव में घोला जा सके। उसे द्रवीय विलयन कहते हैं।
c)ठोस विलयन :-वैसा विलयन जिसमें ठोस, द्रव या गैस के परमाण्विक आकार में दूसरे ठोस में और नियमित रूप से परिक्षितिज होता है। इस प्रकार के विलयन को ठोस विलयन कहते हैं।
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आपने क्या सीखा :-
●विलयन एक प्रकार का समांगी मिश्रण है ।
●विलयन के दो घटक विलेय और विलायक होता है ।
●विलयन को मात्रा के आधार पर पाँच भागो में बांटा गया है ।
●विलयन को भौतिक अवस्था के आधार पर तीन भागों में बांटा गया है ।
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