सारांश :-
Thank you for reading this post, don't forget to subscribe!आज के इस post में हम जानेगे की लवक किसे कहते है साथ मे ये भी जानेगे की लवक कितने प्रकार का होता है और इन लवक के क्या कार्य है तो चलिए पोस्ट को शुरू करते है ।
इस पोस्ट पर पढ़े जाने वाले topics:-
.लवक
.लवक के प्रकार
.ल्यूकोप्लास्ट
.क्रोमोप्लास्ट
.क्लोरोप्लास्ट
.लवक के कार्य
.लवक
लवक शब्द को द्वारा दिया गया। बाद में सिमपर ने इसे लवक को क्लोरोप्लास्ट नाम दिया।
प्लैस्टिड केवल पादप कोशिकाओं में ही पाए जाते हैं जिसकी आंतरिक संरचना में बहुत सी झिल्ली युक्त वाली परते होती है जो कि स्ट्रोमा में स्थित होती है तथा इसकी बाहरी संरचना माइटोकॉन्ड्रिया की तरह होती है। यानी लवण में भी अपना डीएनए तथा राइबोसोम होते हैं।
.लवक के प्रकार:-
लवक मुख्यतः तीन प्रकार के होते है ।
1.ल्यूकोप्लास्ट
2.क्रोमोप्लास्ट
3.वलोरोप्लास्ट
1.ल्यूकोप्लास्ट :-
ल्यूकोप्लास्ट को हिंदी में और अवर्णीलवक कहा जाता है जैसा कि इसके नाम से ही पता चल रहा है अवर्णीलवक यानी यह लवक रंगहीन होता है
यह लवक सूर्य के प्रकाश से दूर वाले पौधों के अंधेरे वाले हिस्से में पाए जाते हैं, जिसमें स्टार्च , तेल और प्रोटीन जैसे पदार्थों को संचित किया जाता है।
ल्यूकोप्लास्ट तीन प्रकार के होते है :-
a)एमाइलोप्लास्ट
b)ऐलियोप्लास्ट
c)ऐल्युरोप्लास्ट
a)एमाइलोप्लास्ट
ल्यूकोप्लास्ट के इस भाग में मंड यानी स्टार्च का भंडारण होता है जो कि आलू, कद्दू गेहूं, चावल इत्यादि जैसे भोज्य पदार्थों में पाया जाता है।
b)ऐलियोप्लास्ट
इस भाग में वसा का भंडारण होता है यह बीच के भ्रूण कोष में पाया जाता है। इसे ओलियोसोम के रूप में भी जाना जाता है।
c)ऐल्युरोप्लास्ट
ल्यूकोप्लास्ट के इस भाग में प्रोटीन का संग्रहण होता है जो कि फल के बीच के भ्रूण कोष में पाया जाता है। ऐल्युरोप्लास्ट को प्रोटिनोप्लास्ट के नाम से भी जाना जाता है।
2.क्रोमोप्लास्ट
क्रोमोप्लास्ट को हिंदी में वर्णीलवक कहा जाता है जो कि रंगीन लवक होता है इसमें कैरोटीन (लाल -नारंगी रंग ) और जाइयोफिल लवक पाया जाता है ।
और यही कारण है कि मिर्चा या टमाटर में हरे रंग , लाल हो जाते हैं क्योंकि इसमें क्लोरोप्लास्ट को क्रोमोप्लास्ट में बदल दिया जाता है जिसमें लाइकोपीन वर्णक होता है।
3.वलोरोप्लास्ट:-
क्लोरोप्लास्ट को हिंदी में हरित लवक कहते हैं जिसे शिम्फर के द्वारा प्रतिपादित किया गया है। इसमें क्लोरोफिल, जैंथोफिल और कैरोटीन जैसे वर्णक पाए जाते हैं।
यह प्रकाश संश्लेषण में भाग लेते हैं यह पौधों के पूर्वमद्योत्तर कोशिकाओं में पाया जाते है
अधिकांश शैवाल की कोशिकाओं में एक क्लोरोप्लास्ट और कुछ पौधों में 20 – 40 क्लोरोप्लास्ट पाए जाते हैं। अलग-अलग कोशिकाओं में क्लोरोप्लास्ट का आकार भी अलग अलग होता
.लवक के कार्य :-
लवक के कार्य इस प्रकार होते है जो निम्नलिखित है ।
1.ल्यूकोप्लास्ट खाद्य पदार्थों जैसे स्टार्च,वसा तथा प्रोटीन का संश्लेषण करता है।
2. क्लोरोप्लास्ट प्रकाश संश्लेषण के माध्यम से कार्बोहाइड्रेट का संश्लेषित करता है
तथा वायुमंडल से ऑक्सीजन और कार्बनडाइऑक्साइड का संतुलन बनाए रखता है।
3.लवक के द्वारा क्रोमोप्लास्ट का रूपांतरण फल पकने का संकेत करता है ।
आपने क्या सीखा:-
.लवक के तीन प्रकार होते है ल्यूकोप्लास्ट ,क्रोमोप्लास्ट ,क्लोरोप्लास्ट
.लवक को हैकल के द्वारा प्रतिपादित किया गया ।
.ल्यूकोप्लास्ट रंगहीन होता है ।
.ल्यूकोप्लास्ट तीन प्रकार के होते है ।
.ऐलियोप्लास्ट में वसा का भंडारण होता है ।
.ल्युकप्लास्ट के द्वारा प्रोटीन का संग्रहण होता है ।
.क्लेरोप्लास्ट के द्वारा पत्ते हरे रंग के होते है ।
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